ओल्ड पेंशन स्कीम का दांव कांग्रेस को  हुए फायदे के बाद बीजेपी अब सतर्क हो गई है। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं ऐसे में बीजेपी अब एक नई रणनीति पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि पार्टी कांग्रेस के दांव की काट खोज रही है और जल्द ही कोई नए पेंशन स्कीम के साथ आ सकती है। 

  5 राज्यों में चुनाव से पहले कर्मचारियों को पेंशन के लिए बीच का रास्ता खोज लिया गया है। जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का आश्वासन दे रही है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने न्यू पेंशन स्कीम में ओल्ड पेंशन स्कीम के फीचर जोड़ने का मन बना लिया है।

कर्मचारियों को मूल वेतन का 50% पेंशन मिलेगी

• एनपीएस के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन में से 50 प्रतिशत पेंशन दी जाए। इसके लिए कर्मचारी की एन्यूटी में जमा राशि में जो पेंशन बनती है, उसमें 50 प्रतिशत राशि में यदि कोई कमी है तो उसे राज्य सरकार मिलाकर दे। 

• एनपीएस में कर्मचारी 10 प्रतिशत, जबकि सरकार 14% अंशदान देती है। कुल राशि में 41.6 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी का और 58.4% सरकार का होता है। इसमें से सरकार के हिस्से की जमा राशि का 60% तो रिटायरमेंट पर मिल जाता है। 40% कारपस राशि एन्युटी के रूप में जमा मासिक भुगतान के लिए पीफडीआरए द्वारा तय एजेंसियों को दी जाती है। 

• इसमें पेंशन की राशि बढ़ाए जाने के लिए इस सुझाव पर विचार किया जा रहा है कि कर्मचारी को उसके द्वारा जमा राशि 41.4 प्रतिशत का भुगतान कर दिया जाए और सरकार की राशि जो 58.4 प्रतिशत जमा होती है उसे एन्युटी के रूप में जमा मासिक भुगतान के लिए रखा जाए। ऐसा करने से पेंशन मूल वेतन का 50 प्रतिशत हो जाएगी। ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद यही राशि मिलती है। 

• एनपीएस कर्मचारियों की सेवा के दौरान विशेषतः सेवा में नियुक्त होने के बाद 20 वर्ष तक मृत्यु होने पर उसके परिवार को कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। केंद्र सरकार ने सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार पेंशन का विकल्प कर्मचारियों को दिया है। 

 

न्यूज़ सोर्स : ipm