#उत्तराखंड के दिहोली गांव के आरण्यम होमस्टे में Tourists के स्वागत का जिम्मा पूरे गांव का है। यहां आने वाले मेहमानों के लिए गांव के लोग मिलकर खाना बनाते हैं, उनकी देखभाल करते हैं, उन्हें Folk Stories भी सुनाते हैं।,यहां किसी का रुकने का मन हो तो सबसे आखिरी फोटो में नंबर भी है ,आप देख सकते हैं यह सब मुमकिन हो पाया है गांव के एक युवा लेखक कुमार शिवम की पहल से, लॉकडाउन के दौरान जब शिवम अपने गांव लौटे तब उन्होंने खाली होते पहाड़ी घरों और बेरोजगार होते लोगों को देखा ।

लोगों की जिंदगी बदलने के लिए उन्होंने अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी फिर गांववालों के साथ मिलकर आरण्यम की शुरुआत की....इस होमस्टे को बनाने में उन्होंने पूरी तरह से पारंपरिक तरीके अपनाए, जैसे सीमेंट का नहीं, गोबर और मिट्टी का लेप लगाया। सजावट के लिए प्लास्टिक से बनी किसी चीज का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि पुरानी लकड़ियों का इस्तेमाल हुआ है। यहां उन्होंने Geyser भी नहीं लगवाया है, पानी पुरानी तकनीक से गर्म किया जाता है और लोगों को प्रकृति से जोड़ने के लिए यहां Wi-Fi भी नहीं है।

होमस्टे में परोसे जाने वाली सब्ज़ियां भी जैविक तरीकों से उगाई और बनाई जाती हैं। आरण्यम गाँव की वह दुकान है जहाँ कलाकार अपनी पेंटिंग, किसान अपनी उपज, हुनरबाज़ अपना हुनर और कहानीकार अपनी कहानी सब कुछ मेहमानों के सामने रख सकते हैं।

हमें कमेंट में जरूर बताएं आपको कैसी लगी इस गांव और होमस्टे की कहानी? आप पोस्ट को शेयर भी कर सकते हैं और मुझे इस तरह की जानकारी के लिए फॉलो भी कर सकते हैं ,लेकिन ये लेख मेरे द्वारा लिखा नहीं गया है,ये लेख the better India द्वारा लिखा गया है, इसकी पोस्ट मैं कई दिनों से डालने को सोच रहा था,मेरे पास तस्वीरें भी थी,अचानक मुझे इसकी पोस्ट दिख गई तो आपसे तस्वीर सहित साझा कर रहा हूं आप पोस्ट को शेयर भी कर सकते हैं,क्यों की ये पूरे गांव वालों की मेहनत का नतीजा है और इसकी आमदनी पूरे गांव का भरण पोषण करेगी,  

2 लोग और Saqsaywaman की फ़ोटो हो सकती है2 लोग की फ़ोटो हो सकती है

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