भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की दीपावली रोशन होने जा रही है. प्रदेश के कर्मचारियों की दीपावली के बोनस की मांग पर मोहन सरकार विचार कर रही है. प्रदेश में कर्मचारियों को बोनस पिछले 26 सालों से नहीं दिया जा रहा है. कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात कर कर्मचारियों को बोनस दिए जाने की मांग भी की है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसको लेकर कर्मचारियों को आश्वासन दे चुके थे, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों को बोनस का लाभ नहीं दिया जा रहा है.

कर्मचारियों को जल्द मिलने जा रही खुशखबरी

प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों की सैलरी दीपावली को देखते हुए चार दिन पहले ही आने वाली है. सरकार ने कर्मचारियों की मांग को मानते हुए अक्टूबर माह की सैलरी 1 नवंबर के स्थान पर 28 अक्टूबर को देने के आदेश जारी कर दिए थे. हालांकि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को लेकर कर्मचारियों को अभी तक ठोस भरोसा सरकार से नहीं मिला है. इसको लेकर कर्मचारी संगठन 25 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. कर्मचारी संगठनों ने सरकार से दीवाली बोनस देने की भी मांग की है.

मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के संरक्षक वीरेन्द्र खोंगल के मुताबिक इस मांग को लेकर सरकार को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन आश्वासन के बाद भी इसका लाभ कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कर्मचारियों को बोनस देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन इसके लाभ से कर्मचारी इस साल भी वंचित होते दिखाई दे रहे हैं.

26 सालों से नहीं मिल रहा बोनस

मध्य प्रदेश में कर्मचारी अधिकारियों को दीवाली बोनस पिछले 26 सालों से मिलना बंद हो चुका है. 1997 तक कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस मिलता रहा है, लेकिन इसके बाद बोनस देना बंद कर दिया गया. मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह कहते हैं कि 'बोनस दिए जाने को लेकर 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भरोसा दिलाया था, लेकिन 10 सालों में यह वादा पूरा नहीं हो सका. 

जल्द मुख्यमंत्री से मिलेगा कर्मचारी संगठन

अपनी मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में कर्मचारी संगठन ने एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात कर अपनी मांगों से उन्हें अवगत कराया है. उपमुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिलाया. कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक अपनी मांगों को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और उनके सामने अपनी मांगों को रखा जाएगा.

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