देश में हर साल हजारों एकड़ की गेहूं की खड़ी फसल किसी न किसी कारण से जलकर खाक हो जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कृषि के इतने बड़े क्षेत्र को आगजनी की घटना को कवर करने सीजनेबल फायर स्टेशनों की दरकार है। मप्र के रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज के ग्राम दिवटिया में विगत दिवस सैकड़ों एकड़ की गेहूं की फसल में आग लग गई ,इसके बाद वहां केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान  को तक पहुंचना पड़ा। इससे पहले सीहोर एवं प्रदेश के कई इलाकों में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। ऐसे में यह बड़ा गंभीर मुद्दा है कि क्या कृषि क्षेत्र के लिए चिन्हित क्षेत्रों के लिए स्पेशल सीजनेबल फायर स्टेशन बनाने की पहल की जा सकती है। 
उप्र के मुख्यमंत्री ने दिये थे संकेत
गेंहू के सीजन में आगजनी की घटना को रोकने उप्र के मुख्यमंत्री ने किसानों को जाग्रत करने के साथ इस तरह के त्वरित स्टेशन बनाए जाने की बात कही थी। उनका मानना था कि इस तरह की घटना को रोकने पुलिस थाने पर त्वरित फायर ब्रिगेट की व्यवस्था होनी चाहिए। 
अभी तक  ऐसी व्यवस्था नहीं
कृषि के इतने बड़े क्षेत्र को कवर करने अभी तक देश के किसी भी राज्य में ऐसी व्यवस्था नहीं है,जबकि आधी आबादी को यह क्षेत्र कवर करता है। किसानों  से इस संबध में चर्चा के दौरान उनका मानना है कि अब मशीनों के माध्यम से खेती का कार्य हो रही है जिससे फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं,सरकार को चाहिए की वे कम से कम गेंहूं के सीजन के लिए स्पेशल फायर ब्रिगेड , एवं जागरूता अभियान चलाने की व्यवस्था करें। 

आग से बचाव के उपाय 

  • गेहूं के खेतों के आस-पास कूड़ा इकट्ठा नहीं करना चाहिए.
  • खेत के किनारे अगर कूड़ा पड़ा हो, तो उसे आग लगाकर नहीं जलाना चाहिए.
  • खेतों में ट्यूबवेल को बिजली की लाइन से जोड़ने वाले तारों को ठीक करा लेना चाहिए.
  • गर्मी के मौसम में तार आपस में टकराने से आग लगने की आशंका रहती है.
  • गेहूं के पके हुए खेतों में कभी भी बीड़ी या सिगरेट नहीं पीनी चाहिए.
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न्यूज़ सोर्स : Yogendra