एक ऐसा पेड़ जिसमें डालिया नहीं होती

#तिल_का_ताड़_बना_दिया कहावत तो सुनी भी ही होगी और कहि भी होगी, छत्तीसगढ़ में ताड़ के फल से तेल निकाला जाता है, जो खाने के अलावा साबुन व अन्य फैक्ट्रियों में उपयोग होता है। यह तिलहन से निकलने वाले खाद्य तेल का बेहतर विकल्प है। यही वजह है कि राज्य में बिलासपुर , जांजगीर चाम्पा , कोरबा समेत 10 जिलों में आपको ताड़ के वृक्ष देखने को मिल जाएंगे।
आज हम ताड़ की नही उसके फल ताड़गोला की बात करेंगे।
ताड़गोला एक फल है, इसे अंग्रेजी में पाम (Palm) के नाम से जानते है। इसके पेड़ की ऊंचाई लगभग 20 से 40 फुट की होती है। इन पेड़ो में डालिया नहीं होती है और पौधे बहुत सीधे होते है। इनकी पत्तिया नुकीली व कांटेदार रहती है। यह पेड़ मुख्य रूप से गर्म जगह पर उगते है। इन पेड़ो में फल व फूल लगते है और फूल पीले रंग के होते है जो की बहुत खुशबू देते है। एक डाली पर कम से कम 8 से 10 ताड़गोला लगते है। ताड़गोला कच्चे होने पर हरा और पक जाने पर पीले रंग के होते है। ताड़गोला फल खाने में मीठे व स्वादिष्ट होता है। यह पेट की गर्मी को ठंडा करता है। इस फल में बहुत से विटामिन व खनिज होते है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। चलिए इस लेख में ताड़गोला के पौष्टिक तत्व और खनिज, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
ताड़गोला (ताड़फल) के बहुत से पौष्टिक तत्व और खनिज होते है। इसमें कैलोरी, वसा, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शक्कर, प्रोटीन, पोटेशियम, तांबा, विटामिन बी 6, और जस्ता शामिल है।
ताड़गोला (ताड़फल) के औषधीय गुण
ताड़गोला (ताड़फल) के बहुत से औषधीय होते है। इसका सिरका पाचन के रूप में कार्य करता है और शरीर को मोटा और ताकतवर बनाता है। इसका पका हुआ फल पित्त को बाहर निकालता है और पेशाब को बढ़ाता है व वीर्य की संख्या में बढ़ौतरी करता है। यह रक्त संबंधित समस्या को दूर करता है। इसके अलावा शरीर की थकान को कम करता है और पेशाब को साफ करता है।
ताड़गोला (ताड़फल) के निम्लिखित फायदे है।
■डकार को कम करना – व्यक्ति को भोजन न पच पाने से अक्सर डकार की समस्या होने लगती है। डकार की समस्या को ठीक करने के लिए ताड़फल फायदेमंद होता है क्योंकि इस फल के कच्चे गुदे पानी पीने से डकार आना बंद हो जाता है। इसके अलावा उबकाई व उल्टी की समस्या को कम करता है।
■पेट के रोग को ठीक करना – पेट संबंधित विकारो को ताड़फल ठीक करता है। ताड को गुड के साथ दिन में दो बार खाने से पेट के रोग ठीक होते है और सेहत को स्वस्थ रखने में मदद करते है। इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो दिन करे, हालांकि इस बात का ध्यान रखे सही मात्रा में सेवन करे क्योंकि अत्यधिक मात्रा में सेवन नकारात्मक परिणाम देता है।
■हिचकी की समस्या को दूर करने में – अगर आपको हिचकी की समस्या हो रही है तो ताड के बीजो को दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए। आपकी हिचकी ठीक हो जाएगी। हिचकी एक ऐसी समस्या जो किसी को भी आ सकती है।
■शीतल करने में – ताड़फल में प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है। गर्मियों के मौसम में लोग अधिक खाना पसंद करते है क्योंकि यह पेट में ठंडक का एहसास देता है। शरीर को थकावट से बचाकर ऊर्जा प्रदान करता है। ताड़फल के पानी शरीर के लिए फायदेमंद रहता है। गर्मी आने पर इसका सेवन जरूर करे।
■सूजन को कम करना – अगर आपको किसी तरह की चोट लगी है या सूजन हो गयी है तो ऐसे में ताड़फल की पत्ती के रस पीने से फायदा होता है। इससे सूजन व चोट की समस्या कम होती है। सूजन आने ताड़फल की पत्ती का रस जरूर पीये।
■मानसिक रोग से बचाव करना – ताड़फल में कुछ ऐसे औषधीय गुण मौजूद होता है जो मानसिक समस्या को कम करने में मदद करता है। ताड के पत्तो के रस दिन में दो बार पीने से अवसाद, बेहोशी की समस्या कम होता है। इसके अलावा अन्य रोगो से बचाव करता है।
■टायफाइड बुखार को कम करना – टायफाइड बुखार को ठीक करने के लिए ताड़फल की पत्ती फायदेमंद होती है। इसके रस का सेवन दिन में दो बार करने से बुखार के तापमान में गिरावट होती है। टायफाइड बुखार धीरे-धीरे कम होने लगते है।
■जलोधर की समस्या – जलोधर की समस्या यानि पेट में पानी भर जाना है। ताड के फूलो से रस निकालकर पीने से पेशाब सही से होता है और जलोधर की समस्या से छुटकारा मिलता है। शरीर के लिए पानी फायदेमंद होता है लेकिन अत्यधिक पानी नुकसान दायक हो सकता है।
ताड़गोला (ताड़फल) के फायदे तो बहुत है लेकिन अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान होते है।
■जिन लोगो की पाचन शक्ति कमजोर है उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
■स्तनपान व गर्भवती महिला को इसका सेवन करने से पहले चिकिस्तक की सलाह ले।
■जिन लोगो को इस फल का सेवन करने से एलर्जी की समस्या होती है तो उनको परहेज करना चाहिए।
■इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट म दर्द व ऐंठन की समस्या हो सकती है।
■अगर आपको ताड़गोला (ताड़फल) का सेवन करने से स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो इसका सेवन सीमित करे और अपने नजदीकी जनरल फिजिशियन (General Physician) से संपर्क करे।
पोस्ट का उद्देश्य आपको केवल वृक्ष की जानकारी देना है न की आपको किसी तरह के उपचार, सर्जरी, दवा की सलाह देते है। एक चिकिस्तक ही केवल अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि इनसे अच्छी सलाह दूसरा कोई नहीं देता है।