वर्तमान में देश में विकास नीति राजनीति केन्द्रित  है,योजनाएं कागज पर बनती हैं एवं उसका क्रियान्वयन कमीशन बाजी की भेंट चढ़कर विकास की गति सतत एवं टिकाऊ न होकर बेढंगी तरीके से होता दिखता हैं, ऐसी स्थिति में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर एक अभिनव पहल करने जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने संकेत दिये हैं कि वे ग्रामों का भ्रमण कर यात्रा करेंगे एवं समुदाय से विकास को लेकर सुझाव लेंगे।

विकसित भारत की दिशा में समुदाय केन्द्रीत विकास नीति की पहल के रूप में इसे देखा जा रहा है। जानकारों एवं आंतरिक विश्लेषणों के अनुसार इस समय विकास का खाका एकल नेतृत्व केन्द्रीत है, रिपोर्ट की मानें तो अभी विकास योजनाएं प्रस्ताव आधार पर तैयार हो रहीं है,जबकि होना प्रोजेक्टिव था। इसका कारण योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर निर्माण तक में समुदाय की भागीदारी न के बराबर हैं।

विकसित देशों के अध्ययन से पता चलता है कि वहां विकास नीति व्यक्तिवादी न होकर सामुदायिक दृष्किोणवादी हैं जिसके कारण वहां विकास पारदर्शी एवं टिकाउ है। इस नीति के चलते विकसित देश आत्मनिर्भरता के सरकारी उद्देश्यों में अधिक योगदान एवं सझम समाज के निर्माण में सहायक होते हैं।

भारत में विकास दलगत आधारित होता दिखता है, कभी-कभी तो अकुश नेतृत्व भी धनबल या दलबल के दम पर नेतृत्व करता दिखता हैं ऐसी स्थिति में शिवराज का यह समुदाय आधारित प्रयास विकसित भारत के निर्माण में तीर्व गति देने वाला हो सकता है।

शिवराज सिंह की यह जमीनी नीति खाद्य सुरक्षा,गरीबी,किसान कल्याण एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायक हो सकती है। सरकार के सामने आज गरीबी को कम करने किसानों की आय बढ़ाने ,कृषि उत्पाद में सुधार करने एवं किसानों के उत्पादों को सीधे खेत से बाजार से जोड़ना बड़ी चुनौति है। आत्म-विकास को बढ़ाने के लिए समूहों और संघों में तालमेल किया जाना भी आवश्यक है ऐसे न होने से नियोजन और बजट का पूरा फायदा प्रभावित हो सकता है।

इन बिन्दुओं पर फोकस

  • सामाजिक और आर्थिक विकास
  • किसानों को  व्यवसायों में सहभागिता का प्रोत्साहन
  • जल. पर्यावरण स्वच्छता. ऊर्जा दक्षता,
  • सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करना
  • विकास योजना बनाने में समुदाय को जोड़ना
    • सतत विकास को बढ़ावा देना
    • अधिकारों को बढ़ावा देना
    • आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना
    • समुदायों की पहचान और स्वायत्तता को बढ़ाना
    • समुदायों की गुणवत्ता में सुधार करना
    • समुदायों और सार्वजनिक एजेंसियों के बीच तालमेल बिठाना
    • समुदायों के बीच सामाजिक समावेश और जुड़ाव को बढ़ाना
    • समुदायों के बीच सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाना
    • समुदायों के बीच सामुदायिक सुरक्षा को बढ़ाना
  •            सामुदायिक विकास के तरीके 
    • समुदायों में शिक्षा के अवसरों को बढ़ाना
    • डिजिटल डिवाइड को दूर करना
    • समुदायों को कंप्यूटर और इंटरनेट का लाभ दिलाना
    • समुदायों के बीच सामग्री पर्यटन को बढ़ावा देना

 

 

 

 

न्यूज़ सोर्स : ipm