बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में नायब तहसीलदार और वकीलों के बीच हुए मारपीट के बाद भड़के विवाद में गिरफ्तार वकील को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। इस मामले में रायगढ़ जिला व सत्र न्यायालय में गिरफ्तार किए गए वकील भुवनलाल साव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। इधर भारी विवाद को देखते हुए एक दिन पहले ही शासन ने तहसीलदार का दूसरे जगह पर स्थानांतरण किया है।
मंगलवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा, अवध त्रिपाठी समेत अन्य वकीलों ने जस्टिस दीपक तिवारी को बताया, कि वकील भुवनलाल साव का स्नढ्ढक्र में नाम नहीं है। घटना के दौरान उन्हें आरोपी बनाया गया है। करीबन 30 वकीलों ने भुवनलाल को तत्काल जमानत पर रिहा करने की मांग की। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले में पुलिस अब तक 5 वकीलों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 2 अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। इधर वकीलों के आक्रोश को देखते हुए रायगढ़ कलेक्टर ने एक दिन पहले ही तहसीलदार सुनील अग्रवाल का स्थानातंरण दूसरे तहसील कार्यालय में कर दिया है।
पांच वकील हो चुके हैं गिरफ्तार, दो फरार
बता दें, रायगढ़ के तहसील कार्यालय में मारपीट की घटना के बाद प्रदेश के सभी तहसीलदारों ने हड़ताल कर कामकाज ठप कर दिया था। तृतीय वर्ग कर्मचारियों ने भी काम बंद कर दिया था। उनके हड़ताल को देखते हुए वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया और राजस्व न्यायालय में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया। वकीलों ने तहसील न्यायालयों में भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग की है। उनका विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। इस पूरे मामले में पुलिस ने 5 वकीलों को गिरफ्तार किया है, जबकि 2 अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। वकीलों की गिरफ्तारी और तहसील न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की शर्त पर ही कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने अपना हड़ताल वापस ले लिया था।