हमे ग्रामीण समस्याओं को चिन्हित करने व उसके समाधान के लिए समाज को ही जिम्मेदारी देनी होगी। हमे ग्राम में छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से स्वाबलंबन की दिशा में प्रयास प्रारंभ करने होंगे। समाज मे स्थायी परिवर्तन जन भागीदारी के कार्यों से ही आएगा। हमे वर्षा जल के संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करना होगा। हमे खेती के क्षेत्र में नवाचार करने होंगे। एफपीओ व एसएचजी के कार्यो को प्रोत्साहित करना होगा। माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की आदर्श ग्राम विकास की संकल्पना के अनुरूप परिषद,इन कार्यों को शासन व समाज के साथ मिलकर प्राथमिकता से करेंगी। उक्त उद्गगार जन अभियान परिषद के नव नियुक्त उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर ने जन अभियान परिषद की रीवा सम्भाग की समीक्षा बैठक में परिषद के समन्वयकों व स्वैच्छिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा।

परिषद की संम्भाग स्तरीय समीक्षा बैठक में परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ धीरेंद्र पांडेय ने कहा कि हमे मुख्यमंत्री जी के निर्देश अनुसार प्रदेश के सभी तहसीलों में एक-एक ग्राम को चिन्हित कर आदर्श ग्राम की संकल्पना हेतु कार्य करना है। जिसमे जैविक कृषि व गौपालन, नश्ल सुधार, विवाद मुक्त ग्राम, जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर कार्य करना है। वैठक के द्वितीय सत्र में रीवा जिले में कार्यरत नवांकुर संस्थाओं से भी परिषद के उपाध्यक्ष ने संवाद किया व फीडबैक लिया। संस्थाओं ने क्षेत्र स्तर पर उनके द्वारा किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों व उपलब्धियों की जानकारी दी गई।

समीक्षा बैठक के प्रारंभ में परिषद के संम्भाग समन्वयक प्रवीण पाठक ने उपस्थित आतिथियो का स्वागत करते हुए, रीवा संम्भाग में परिषद द्वारा संचालित कार्यक्रमों व योजनाओं की प्रगति की जानकारी पर आधारित पीपीटी प्रस्तुतिकरण दिया गया। तदुपरान्त सभी जिला व विकासखंड समन्वयको ने अपनी विभागीय प्रगति की जानकारी रखी।बैठक में रीवा सम्भाग के चार जिलों एवं 25 विकासखण्डों के समन्वयक व रीवा जिले की नो विकासखण्डों की 45 नवांकुर संस्थाओं के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

 

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