मैं जिंदगी में कुछ बनना चाहती थी, लेकिन हार गई
सिविल जज की तैयारी कर रही एक छात्रा ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। छात्रा ने यह कदम उठाने से पहले एक सुसाइड नोट लिखकर कमरे की दीवार पर चिपका दिया था। उसके मकान मालिक ने पुलिस को बताया है कि वह रात में रो भी रही थी।सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा है कि मैं जिंदगी में कुछ बनना चाहती थी, लेकिन मैं जिंदगी से हार गई। मम्मी-पापी मुझे माफ कर देना।
पुलिस की प्र्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सिविलि जज की परीक्षा के दो प्रश्नपत्र उतीर्ण कर वह साक्षात्कर तक पहुंची थी। उसका परीक्षा छात्रा के पक्ष में नहीं था, इस कारण वह परेशान थी।मिसरोद पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है। पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। मिसरोद थाना प्रभारी आरबी शर्मा ने बताया कि मूलत: गंजबासौदा निवासी नीलम ठाकुर (29) यहां कृष्णा इनक्लेव केंद्रीय विद्यालय के पास किराए का कमरा लेकर रहती थी।
वह एलएलएम करने के बाद सिविल जज की तैयारी कर रही थी। शुक्रवार सुबह सूचना मिली थी कि नीलम ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो नीलम पंखे से फांसी के फंदे से झूल रही थी। उसने दुपट्टे से फंदा बनाया था।
पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए भिजवाया।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि नीलम मेधावी छात्रा थी, सिविल जज का साक्षात्कार दे चुकी थी, चह दोबारा से जज की तैयारी में करने में जुटी थी,लेकिन इस दौरान सिविल जज परीक्षा को लेकर नए नियम के कारण कुछ परेशान थी।हाई कोर्ट का आदेश आया की जिसके रजिस्ट्रेशन के तीन साल होगे और लॉ में 70% होंगे वही सिविल जज की परीक्षा में बैठ सकता है । इस आदेश के बाद नीलम टूट गई थी ।