एक लाख भर्तियों का टारगेट कैसे होगा पूरा
भोपाल । मध्यप्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर भर्तियों का लक्ष्य अब चुनौतीपूर्ण हो गया है। पटवारी परीक्षा परिणाम के बाद नियुक्तियां अटकने से करीब 9000 पद बाकी रह जाएंगे। सिर्फ यही नहीं, 40 हजार से ज्यादा अन्य पद तय डेडलाइन पार कर सकते हैं। कारण यह है कि एक लाख पदों पर भर्ती के लिए अब सिर्फ 4 दिन ही बाकी है। दूसरी ओर 40 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती भी बाकी हैं। सिर्फ 12 से 20 हजार पद और ऐसे हैं, जो इस दौरान भरे जाने की स्थिति है, बाकी में समय लग सकता है। इससे लक्ष्य चूकने की आशंका है। इसके चलते अब हर दिन सरकार को भर्ती को लेकर ताबड़तोड़ काम करना होगा। सरकार को तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण युवाओं के वोट बैंक की चिंता है। ऐसे में भर्ती का पूरा गणित चुनावी है। सरकार को उम्मीद है कि इस भर्ती से बंपर वोट का रास्ता खुलेगा। इसलिए, फोकस टाइम पर भर्ती का है। सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख पदों पर भर्तियां पूरी करने के बाद 50 हजार भर्ती और करने का ऐलान किया है। लेकिन, अभी यह पूरी तरह डेडलाइन से बाहर है। इसकी प्रक्रिया बाद में ही शुरू होने की बात बताई जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। सीएम ने एक लाख के अलावा 50 हजार और पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। भर्ती प्रक्रिया में उन्हें भी जोड़ लिया गया है।
अभी 35-40 हजार पदों पर 2 दिन में नियुक्ति देना बड़ी चुनौती है। अभी 23016 पदों पर विज्ञापन कई स्टेज में हैं। इनकी भर्ती करना मुश्किल होगा। कुछ भर्ती हो सकती है, लेकिन बाकी 11 हजार पदों के अभी तक विज्ञापन और आवेदन प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई हैं। अधिकतर के विज्ञापन अभी जारी होने हैं। पटवारी परीक्षा के तहत करीब नौ हजार पदों की भर्ती अब पूरी तरह 15 अगस्त की डेडलाइन पार हो गई है। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के सामने आने के बाद जांच अधिकारी को 31 अगस्त तक रिपोर्ट देने की डेडलाइन दी गई है। यानी सीधे तौर पर पटवारी परीक्षा की भर्ती का फैसला सितंबर से पहले होना मुश्किल है।
पिछले साल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक साल में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। इसकी समय सीमा 15 अगस्त, 2023 निर्धारित की गई थी। अब तक 60 हजार पदों पर भर्ती की जा चुकी है। सीएम चौहान की एक लाख पदों पर घोषणा की समय सीमा पूरा होने में चार दिन का वक्त बचा है। इन चार दिनों में सरकार के सामने 40 हजार पदों पर भर्ती की चुनौती है। भर्ती प्रक्रिया के बीच सीएम 50 हजार और पदों पर भर्ती की घोषणा कर चुके हैं। दरअसल, कर्मचारी चयन मंडल ने पटवारी के 3555 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा का परिणाम गत 30 जून को घोषित किया था। परीक्षा में घोटाले की बात सामने आने के बाद जैसे ही इस मुद्दे ने तूल पकड़ा और इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहरों में अभ्यर्थी सडक़ों पर उतरे, तो सीएम चौहान ने 13 जुलाई को पटवारी भर्ती परीक्षा की नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यहीं से रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया धीमी पड़ गई। यह मामला सामने आने के बाद सरकार भर्ती के मामले में जल्दबाजी न करते हुए एक- एक चीज को देख-परखकर निर्णय ले रही है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
मुख्यमंत्री ने आखिरी बार 31 जुलाई को श्रम, आबकारी और सहकारिता विभाग के नवनियुक्त अधिकारी-कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिए थे। सीएम हाउस पर हुए कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि एक लाख में से लगभग 60 हजार पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है। शेष पदों पर भर्ती की कार्रवाई 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। स्कूल शिक्षा, श्रम, आबकारी, सहकारिता पुलिस, उच्च शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, ऊर्जा, लोक निर्माण, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों में भर्ती की गई। सीएम चौहान ने कई विभागों के नव नियुक्त कर्मचारियों को अपने हाथ से स्वीकृति पत्र प्रदान किए। पिछले साल जीएडी को विभागों की ओर से भेजी गई जानकारी के अनुसार कई विभाग ऐसे हैं जिनमें हजारों की संख्या में पद खाली हैं। जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा में 45767, स्वास्थ्य में 14313, जनजातीय कार्य में 7780, वन में 2229, पशुपालन में 2220, पंचायत में1794, वाणिज्यिक कर में 1311, आयुष में 1290 और वित्त में 1133 पद खाली हैं।