तिरुपति लड्डू विवाद पर एक्शन में केंद्र, एक कंपनी के 4 सैंपल फेल; भेजा नोटिस
आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी के लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मुद्दा गर्मा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 कंपनियों के घी के सैंपल मंगाए। जांच में एक कंपनी का घी जांच में फेल हो गया। इस कंपनी के घी में मिलावट है। सरकार ने उस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को तिरुपति मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर चार कंपनियों के सैंपल मिले थे, जिनमें से एक कंपनी के चार सैंपल जांच में फेल मिले हैं. जो सैंपल फेल हुए हैं उसमें मिलावट का मामला सामने आया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब उस संबंधित कंपनी को नोटिस जारी किया है जिसका सैंपल फेल मिला है. नोटिस में इस बात का जिक्र है कि जिन मानकों पर खाद्य पदार्थ होना चाहिए सैंपल में वो मानक नहीं मिले हैं. दूसरी ओर एफएसआई की ओर से भी कंपनी को नोटिस जारी किया गया है.
सीएम ने घी खरीदारी के प्रक्रिया को बदलने का लगाया है आरोप
एक दिन पहले यानी रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से घी खरीदने की कई प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया था. उन्होंने आगे कहा था कि इन अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का फैसला किया है.
सीएम बोले- लोगों की भावनाएं आहत हुईं
सीएम ने आगे कहा कि लड्डू में मिलावट के खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. ऐसे में आईजी (महानिरीक्षक) या फिर उससे ऊपर के अधिकारी की निगरानी में एसआईटी का गठन किया जाएगा और सभी कारणों की जांच होगी. सरकार इस मामले के तह तक जाएगी और गड़बड़ियों का पता लगाएगी.
एसआईटी पिछली सत्ता के दुरुपयोग की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. मौजूदा सरकार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी और इसमें कोई समझौता नहीं होगा. किसी को भी लोगों की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है.
घी सप्लाई करने वाली कंपनियों के अनुभव पर सवाल
सीएम ने कहा कि पहले की शर्तों की बात करें को मंदिर में घी की सप्लाई करने वाली कंपनियों के पास कम से कम तीन साल का अनुभव जरूरी थी, लेकिन पिछली सरकार ने उसे घटाकर एक साल कर दिया. इसके अलावा सप्लाई करने वालों का आवश्यक कारोबार भी पहले के 250 करोड़ रुपए से घटाकर 150 करोड़ रुपए कर दिया गया. उन्होंने कहा कि क्या 319 रुपए में शुद्ध घी कैसे दे सकता है जबकि इतने में पाम ऑयल भी नहीं मिलता है.