महिलाए आज सुरक्षित महसूस करती हैं या नहीं ,नागरिकों से पूछा विशेष पुलिस महानिदेश ने
जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए संचालित विशेष जागरूकता अभियान “हम होंगे कामयाब“ पखवाड़ा का जिला स्तरीय कार्यक्रम बरेली में आयोजित किया गया। जिसका शुभारंभ विशेष पुलिस महानिदेशक श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव महिला अपराध शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल, पुलिस महानिरीक्षक नर्मदापुरम रेंज श्री मिथिलेश कुमार शुक्ला, कलेक्टर श्री अरविंद दुबे तथा पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पाण्डे द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में विशेष पुलिस महानिदेश श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा कि यह पखवाड़ा अंर्तराष्ट्रीय दिवस महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन पर प्रारंभ किया गया है और यह समाप्त होगा अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर। उन्होंने कहा कि क्या महिलाए आज सड़क पर या कार्यालय में अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं या नहीं ? यदि नहीं तो ये भी जेंडर वॉयलेंस का एक प्रकार है। इसे हमे स्वयं अपने आप से अपने घर से बदलना होगा। हमे इस मानसिकता को बदलना चाहिए। यदि कहीं भी कभी भी ऐसा लगता है तो जरूर आवाज़ उठाना चाहिए समाज और पुलिस की जानकारी में लाना चाहिए। चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज उपस्थित बड़ी संख्या में महिला शक्ति समाज में बदलाव लाएगी और बेहतर सुरक्षित भविष्य का निर्माण करेगी।
पुलिस महानिरीक्षक नर्मदापुरम रेंज श्री मिथिलेश कुमार शुक्ला ने अपने उद्बोधन में समाज में आ रहे आधुनिक बदलाव के कारण पारिवारिक स्थितियों में परिवर्तन और इसका समाज पर प्रभाव के संबंध में बताया कि भारतीय संस्कृति में नारी का सम्मान किया जाता है किंतु आज मूल्यों में कमी आने के कारण महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं। उन्होंने घर परिवार में नैतिक मूल्यों का विकास करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्री राजीव गौतम ने अपने उद्बोधन में न्यायिक सेवाओं के माध्यम से महिला हिंसा के प्रकरणों में और घरेलू हिंसा के मामलों में किस प्रकार न्याय दिलवाया जा रहा है इस संबंध में प्रकाश डाला। साथ ही समाज को किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में निर्भीक होकर न्याय के लिए प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान में सबको समानता का अधिकार दिया है। पुरुष महिला एक बराबर है। देश में जो भी कानून बनता है वह कानून संविधान के आधार पर ही बनाया जाता है। हमे जेंडर आधारित हिंसा को पहचानना होगा! ये कहाँ कहाँ होती है, किस प्रकार की होती है। घर में बेटा-बेटी में भेदभाव करना भी जेंडर बेस्ड वायलेंस है। कार्यक्रम में अतिरिक्त न्यायाधीश अंकिता कुमारी तथा अतिरिक्त न्यायाधीश श्री अजीत कुमार तिर्की द्वारा भी संबोधित किया गया।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अरविंद दुबे ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य और पखवाड़े में आयोजित होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन का महत्व बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन आज पूरे जिले में किए जा रहे हैं और समाज में महिलाओं को समानता का अधिकार मिलना अत्यंत आवश्यक है तभी समाज सही अर्थों में उन्नति कर सकता है। पुलिस अधीक्षक श्री पंकज कुमार पांडे जी ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के प्रति हिंसा कम करने में पुलिस की भूमिका ऊर्जा डेस्क द्वारा किए जा रहे कार्यों और समाज के सहयोग से महिला हिंसा में कमी लाने के प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने स्कूल-कॉलेज के आसपास अपनी गश्त बढ़ाई है तथा छात्रों को थाने का भ्रमण करवाया है। अस्पताल में भी बड़ी संख्या में महिलाएं आती हैं इसलिए अस्पताल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहतर की है। कार्यक्रम के अंत में संविधान की उद्देशिका का गरिमापूर्ण वाचन किया गया।
शासन के निर्देश अनुसार यह कार्यक्रम फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए जागरूकता समानता अधिकरण अपील पर आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जेंडर संवेदनशीलता और जेंडर आधारित मुद्दों से निपटने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शक्ति सदन, शौर्या दल तथा ऊर्जा महिला कर्मचारियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में बरेली नगर परिषद अध्यक्ष श्री हेमंत चौधरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बाड़ी जनपद अध्यक्ष श्रीमती प्रभा बृजगोपाल पटेल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कमलेश कुमार खरपुसे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री दीपक संकत सहित एसडीएम, एसडीओपी, महिला थाना प्रभारी ऊर्जा डेस्क प्रभारी, परियोजना अधिकारी बरेली, समस्त पर्यवेक्षक, समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और विशेष रूप से शौर्य दल के सदस्य उपस्थित थे।