उपनगर सतलापुर के श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण मेंश्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। यहां प्रतिदिन कथावाचक प्रकृति पर्यावरण और सामाजिक बुराइयों के प्रति लोगों को सचेत कर रहे हैं। श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक पंडित प्रदीप कृष्ण ने सामाजिक बुराइयों के प्रति लोगों को जागरुक करते हुए बाल विवाह न करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है इसे मिलजुल कर ही खत्म किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में कृषक सहयोग संस्थान जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन संस्था के साथ मिलकर बाल विवाह जैसी प्रथा को खत्म करने के लिए प्रयास कर रहे हैं हमें संस्था के इस पुनीत कार्य में सहभागी होना चाहिए। 

हाथ उठाकर दिलाया संकल्प-
इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को कथावाचक पंडित प्रदीप कृष्ण ने हाथ उठाकर संकल्प दिलाया कि वे ना तो बाल विवाह करेंगे और ना ही ऐसे किसी आयोजन में सम्मिलित होंगे जहां बाल विवाह हो रहा हो। उन्होंने बताया कि शासन ने विवाह की उम्र तक की है  बालिकाओं की उम्र 18 वर्ष और बालकों की उम्र 21 वर्ष इससे काम यदि कोई विवाह करता है तो कानून अपराध है।

बाल विवाह सामाजिक बुराई-
जिला संयोजक अनिल भवरे ने बताया कि एक्सेस टू जस्टिस संस्था के साथ जिले में कृषक सहयोग संस्थान कार्यरत हैं। बाल विवाह बाल, यौनशोषण, बाल हिंसा बाल, तस्करी और बाल श्रम जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। इन सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए आप सब की सहभागिता अनिवार्य है। आज आयोजित कथा के दौरान लगभग 2000 लोगों ने बाल विवाह जैसी बुराई को खत्म करने के लिए संकल्प लिया।

न्यूज़ सोर्स : Anil Bhavre