गुरु गोविंद सिंह जी का 358 वां प्रकाश पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया!
रामगोपाल साहू वरिष्ठ पत्रकार
ओबैदुल्लागंज (संवाददाता) वार्ड नंबर 10 अर्जुन नगर के गुरुद्वारा संत संतोखसिंह जी भजनगढ़ में श्री गुरु गोविंदसिंह जी का 358 वां प्रकाश पर्व सभी धर्म प्रेमियों ने मिल जुल कर मनाया गया ! 25 दिसंबर से 6 जनवरी तक प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे नगर कीर्तन प्रभात फेरी चली, इस अवसर पर शब्द,कथा,कीर्तन भी संपन्न हुये ,
आज कथाकार जगजीत सिंह (जीते भैया) ने कथा में बताया गुरु जी का अवतार सन1666 मे पटना शहर में हुआ था ! जिस समय गुरुजी का अवतार हुआ,उस समय हमारे देश में दुष्टों का बड़ा बोल बाला था, उस समय पटियाला रियासत में एक पीर भिक्खण शाह नाम के रहते थे, जो कि अपने मुर्शिद के कहने पर करनाल में धर्म प्रचार में लगे थे, उनको सुबह की नमाज के समय आकाशवाणी सुनाई दी कि
आप अपने दो चेलों के साथ पटना पहुचें, वहा आप बालक के रूप में गुरू गोविंद सिंह जी के दर्शन करेगे,
, पीर ने जाकर अपने एक हाथ में पानी से भरा ओर एक हाथ में दूध भरा लोटा बालरुप गुरूजी के आगै रखै, गुरूजी ने दोनों लोटों को नरम हाथों से छुलिये , पीर भिक्खण शाह जब दर्शन कर वापस बाहर निकले तब उनके चेलों ने पूछा यह आपने क्या किया है,, इस पर पीर भिक्खण शाह जी ने कहा कि मैं यह देखना चाहता था कि गुरुजी हिंदुओं के साथ या मुसलमानों के साथ रहेंगे, उन्होंने बताया कि में दोनौ धर्मो को साथ रखने के लिए अवतरित हुआ हूँ,, भारत में जितने भी दुष्ट दमनकारी होंगे, दुष्टों का नाश करुंगा,,चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित हो !
कथा के पश्चात सुबह 9:00 बजे गुरु घर के वजीर भाई भगवान सिंह के द्वारा अरदास के उपरांत प्रसाद एवं लंगर वितरण हुआ,, इस समय माता बहनों एवं बच्चों ने बम पटाखे फोड़ कर अपनी खुशी जाहिर की,,!
प्रकाश पर्व कार्यक्रम में
मुख्य रूप से उपस्थित सुरजीत सिंह बिल्ले,, सामाजिक कार्यकर्ता टेलर गंगाराम साहू,, हरदीप सिंह,,इंदर सिंह नायक,, कालू राम नायक,, मोहन नायक,, राजू नायक,, सुभाष गौर,,बैबू वासवानी,,नीटू आदि शहर एवं माता बहने भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे,, वही बाल गोपाल बच्चों में भी अति उत्साह देखा गया !