इन लखपति दीदियों के झूमर खरीदोगे तो चिड़िया के रूप में आपके घर आएगी मां लक्ष्मी
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं चलाती रहती है।इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' की शुरुआत की गई है. बिहान योजना मूल रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका गारंटी विकल्प के रूप में उभरी है। इस दिवाली भी विहान बाजारों में लोकल फाॅर वोकल के तहत दिपोत्सव के कई उत्पाद मेले में देखे जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में पारंपरिक रूप से घरों में दीपावली के अवसर पर धान की बालियों से बने सुंदर फाते अथवा झूमर घर के प्रवेश द्वार में लगाये जाते थे और यह खूबसूरत झूमर की तरह अपनी पीली आभा में चमकते रहते थे। शहरों में फाता मिलने बंद हो गए और यह परंपरा भी नष्ट होती गई क्योंकि चाहकर भी शहरी लोगों के लिए फाता दुर्लभ रहा। इस बार अन्य खास छत्तीसगढ़ी आइटम के साथ ही फाता की भी धूम बिहान बाजार में है। बिहान बाजार में 106 स्व-सहायता समूहों ने अपने स्टाल लगाये हैं और परंपरापगत रूप से लोकप्रिय सामग्री के साथ ही ऐसी दुर्लभ सामग्री भी मिल रही है जो पहले परंपरा में थी लेकिन जिनका उपयोग धीरे-धीरे कम हो गया।
बिहान बाजार में धान के झुमर भी मिल रहे हैं ,इन झूमरों की खासियत यह है कि जिस घर में ये झुमर लगेगें वहां चिडियों का आगमन होने लगतता है। और चिडिया तो मां लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती है। ऐसे में लोग मां लक्ष्मी की कृपा के लिए इसकी खूब खरदी करते हैं। बाजार में मिटटी के दियों के साथ अन्य लोकल उत्पादों की धूम है।
इन बाज़ारों में महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाये गये उत्पादों के साथ-साथ रोजमर्रा के लिये जरूरी सामानों की बिक्री की जाती है। यह बाजार छत्तीसगढ़ ग्रामीण आजीविका मिशन के द्धारा वित्त पोषित होते हैं। बिहान योजना के तहत छत्तीसगढ़ की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। ताकि महिलाओं की आर्थिक तरक्की हो सके और वह अपने परिवार की उचित देखभाल करने के साथ-साथ, अच्छा व खुशहाल जीवन बिता सकें।