उमरिया जिले के 7 हाथियों की मौत से हड़कंप
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के 7 हाथियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में अबतक 7 हाथियों की मौत हो चुकी है. इस मामले में वन मंत्री ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. हाथियों की मौत कोदो खाने की वजह से हुई है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है.
बीटीआर के उप निदेशक का कहना है, ऐसा लगता है कि हाथियों की मौत बाजरा खाने से हुई है. पोस्टमार्टम के बाद ही सही कारण का पता चल सकेगा. मंगलवार को बीटीआर (बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य) में 4 हाथी मृत पाए गए थे. अब 3 और हाथियों की मौत हो गई है. ये हाथी 13 हाथियों के झुंड का हिस्सा था. 3 अन्य हाथियों की हालत गंभीर है. उनका इलाज चल रहा है. बीटीआर की टीम झुंड के अन्य हाथियों पर नजर रख रही है.
हाथियों की मौत दुखद और हृदय विदारक: वन मंत्री
हाथियों की मौत पर वन मंत्री रावत ने मंगलवार देर रात कहा था कि अभयारण्य में हाथियों की असामयिक मौत दुखद और हृदय विदारक है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित करने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके ये बात कही थी.
क्या नाग-नागिन के संबंध बनाने से जहरीली हुई फसल?
मोटे अनाज की खेती करने वाले बुजुर्ग किसानों का मानना है कि खेत में नाग-नागिन के जोड़े द्वारा संबंध बनाने की वजह से फसल जहरीली हो जाती है. हो सकता है कि जिन हाथियों की मौत हुई है, उन्होंने जिस खेत की फसल खाई हो वहां नाग-नागिन ने संबंध बनाए हों. सच क्या है, ये तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चलेगा. फिलहाल, इस मामले में सियासत भी तेज है.
7 हाथियों की मौत हैरान करने वाली बात: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. आगे ऐसा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में सात हाथियों की मौत हतप्रभ करने वाली बात है. इससे अभयारण्य में हाथियों की आबादी का करीब 10 फीसदी हिस्सा एक ही बार में खत्म हो जाएगा. इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए.