चुनावी साल में सरकार पर दबाव की रणनीति
सतपुड़ा भवन में कर्मचारी संगठन ने किया काम बंद हड़ताल
भोपाल।मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कर्मचारी संगठन अपने किसी भी मांग को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे कर्मचारी संगठन सरकार पर दबाव की रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। लगातार लामबंद होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा प्रदेश के कर्मचारी संगठन पूरी तरीके से सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो चुके हैं।
वह समूचे प्रदेश में सिलसिलेवार तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन एक दिवसीय धरना रणनीति पर काम करने वाले कर्मचारी संगठन अब काम बंद हड़ताल के मूड में है। जिसका आगाज आज उन्होंने 4 घंटे काम बंद कर किया। प्रदेश के सतपुड़ा भवन पर अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर जुटे प्रदेश के सभी बड़े कर्मचारी संगठनों के नेता धरने पर बैठे रहे। भोजन अवकाश के बाद ही कर्मचारी संगठन अपनी मांगों पर प्रदर्शन करते नजर आए।
कांग्रेस कर्मचारियों को भडक़ाने में लगी है
अब कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल कर्मचारियों को अपने पाले में लाने में लगे हुए हैं। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा की मानें तो कांग्रेस कर्मचारियों को भडक़ाने में लगी हुई है। सरकार ने कर्मचारियों को भरपूर दिया है और आगे भी देगी, लेकिन भडक़ाने की राजनीति कांग्रेस की चलने वाली नहीं है। दूसरी ओर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा की माने तो सरकार कर्मचारियों के साथ हमेशा छलावा करती है। उन्हें सरकार कुछ भी देने के मूड में नहीं है। हम उनके साथ है सरकार आने पर हम उनके लिए सभी मांगों पर काम करेंगे।
ये है कर्मचारियों की मांगें
इन सबके बीच में कर्मचारी जिन मांगों को लेकर आन्दोलनरत है, उनमें वह वेतन विसंगतियां, महंगाई भत्ता, पदनाम बदलने, ग्रेड पे समेत दर्जन भर से ज्यादा मांग सरकार से मनवाने में लगे हुए।