दो लाख लोग प्रभावित ,मॉस्को स्थित भारत के दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए अडवाइजरी जारी की
यूक्रेनी सेना ने एक बड़ी सैन्य कार्रवाई में रूस को छकाते हुए उसके कई गांवों और कुर्स्क प्रांत के एक अहम शहर पर कब्जा कर लिया है. रूसी सेना, यूक्रेनी सैनिकों को अपने इलाके से बाहर निकालने के लिए संघर्ष करती दिख रही है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी सेना ने सामरिक दृष्टि से अहम रूस के सुदजा शहर पर पूरी तरह से अपना नियंत्रण बना लिया है. यह शहर कुर्स्क प्रांत में रूस और यूक्रेन की सीमा के पास है.
पश्चिमी साइबेरियन गैस फील्ड की रूसी प्राकृतिक गैस यूक्रेन होते हुए यूरोप भेजी जाती है. गैस की यह आपूर्ति जिस पाइपलाइन से होकर जाती है, उसका मीटर स्टेशन सुदजा जिले के पास है. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के करीब 1,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्जा कर लिया है.
यूक्रेन ने हमले की योजना में गोपनीयता रखी
यूक्रेनी सेना ने 6 अगस्त को एक बड़ा दांव खेलते हुए रूस के कुर्स्क प्रांत पर औचक चढ़ाई की. इस सैन्य अभियान में यूक्रेन के करीब 10,000 सैनिक शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अभियान को इतना गुप्त रखा गया कि चढ़ाई में शामिल यूक्रेनी सैनिकों को भी बस एक दिन पहले ही ऑपरेशन की जानकारी दी गई.
यह गोपनीयता पिछले साल कीव के बड़े सैन्य अभियान से उलट है. उस समय यूक्रेन ने हमले के अपने लक्ष्य को खुलकर जाहिर करते हुए कहा था कि वह क्रीमिया को रूसी भूभाग से काटना चाहता है. यूक्रेन का यह सैन्य अभियान असफल रहा था.
कुर्स्क पर की गई कीव की ताजा चढ़ाई को फरवरी 2022 से जारी यूक्रेन युद्ध में यूक्रेनी सेना का सबसे विस्तृत अभियान बताया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, यह हमला रूस के लिए औचक साबित हुआ और रूसी सेना इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं दिखी. रूस के बॉर्डर गार्ड्स यूक्रेन को कोई खास चुनौती पेश नहीं कर सके.
यूक्रेनी सेना आगे बढ़ते हुए सुदजा के पास पहुंच गई, जो सीमा के भीतर करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, यूक्रेनी सेना को सुदजा में कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. यहां लड़ाई 15 अगस्त तक जारी रही और अब राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शहर को पूरी तरह कब्जे में लेने की घोषणा की है. यूक्रेन ने यहां एक मिलिट्री कमांडेंट ऑफिस भी बना लिया है.
यूक्रेनी हमले को देखते हुए रूस को आनन-फानन में करीब दो लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह ले जाना पड़ा. मॉस्को स्थित भारत के दूतावास ने भी कुर्स्क, ब्रांस्क और बेलगोरोड प्रांतों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए अडवाइजरी जारी की है. 14 अगस्त को जारी चेतावनी में भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई, "ब्रांस्क, बेलगोरोड और कुर्स्क प्रांतों में हुई सुरक्षा संबंधी हालिया घटनाओं को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे जरूरी एहतियात बरतें और अस्थायी तौर पर इन इलाकों के बाहर चले जाएं."
अपनी चढ़ाई के दौरान यूक्रेन ने रूस के कई गांवों पर कब्जा कर लिया. यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने सैकड़ों लोगों को बंदी बनाया है. दूसरे विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी के हमले के बाद यह रूस पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा आक्रमण बताया जा रहा है.
रूसी सेना हमलावर यूक्रेनी सेना को अपने इलाके से बाहर नहीं निकाल पाई है. विश्लेषकों के मुताबिक, यूक्रेन के इस हमले ने रूस की सैन्य कमजोरियों को उजागर कर दिया है. रूस ने यूक्रेन की इस कामयाबी पर प्रतिक्रिया करते हुए इल्जाम लगाया कि हमले में अमेरिका के नेतृत्व में नाटो और पश्चिमी देशों ने कीव की मदद की.