सिवनी मालवा तहसील के ग्राम लही में मंगलवार को ग्रामीणों ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (NVDA) समेत वन विभाग के अधिकारियों को बंधक बना लिया। ग्रामीणों ने भाजी नदी के पुल पर अधिकारियों को रोका, क्योंकि उन्हें पता चला था कि अधिकारी मोरन-गंजाल नदी पर बनने वाले डैम के लिए जंगल में पेड़ों की गिनती करने आए थे। ग्रामीणों को यह बात पसंद नहीं आई कि अधिकारियों ने पंचायत को सूचना दिए बिना जंगल में प्रवेश किया और फोटो-वीडियो बनाए। ग्रामीणों को डैम के निर्माण पर भी आपत्ति है। ग्रामीण डैम के निर्माण के विरोध कर रहे हैंं।  ग्रामीणों ने कहा कि हम चाहते हैं कि यहां किसी तरह का डैम न बनाया जाए। अगर डैम बनेगा तो इसमें हमारी जमीन, घर, सब बर्बाद हो जाएंगे, हमारे बच्चे क्या करेंगे।

अधिकारियों ने पुलिस को बुलाया

परेशान अधिकारी गाड़ी में बैठे रहे, क्योंकि मोबाइल नेटवर्क नहीं था और वे सीनियर अधिकारियों को सूचना नहीं दे पा रहे थे। बाद में, विभाग के कुछ लोग सिवनी मालवा पहुंचे और अधिकारियों को पूरी जानकारी दी। इसके बाद तहसीलदार राकेश खजूरिया और एसडीओपी राजू रजक फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। मोरन-गंजाल जल परियोजना, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और जल संसाधन विभाग की एक संयुक्त परियोजना है. परियोजना से होशंगाबाद के 28 गांवों में कुल 4,617 हेक्टेयर भूमि, हरसूद तहसील-जिला खंडवा के 62 गांवों में 17,678 हेक्टेयर भूमि और हरदा के हरदा, खिरकिया, सिराली और रहटगांव तहसील के 121 गांवों में 29,910 हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ होगा.
इस परियोजना द्वारा कुल 52,205 हेक्टेयर कमान क्षेत्र भी सृजित किया जाएगा। परियोजना का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा। जिसमें प्रथम चरण में मोरंड बांध व द्वितीय चरण में नहर निर्माण का कार्य किया जायेगा.

एनवीडीए के सब इंजीनियर एचएल बामनिया ने बताया, “हम पेड़ों की गिनती के लिए अमले के साथ पहुंचे थे, लेकिन काम शुरू करने से पहले ही बड़ी संख्या में ग्रामीण आ गए। हमने काम रोक दिया, लेकिन ग्रामीणों ने हमारी गाड़ियों समेत हमें भाजी नदी के पुल पर रोक लिया। महिला-पुरुष दोनों ने रास्ता रोककर बैठ गए, जिससे हमें वहां से निकलने का रास्ता नहीं मिला।

इस परियोजना से जुड़ी कुछ खास बातेंः 

  • इस परियोजना के तहत सिवनीमालवा तहसील के मोरघाट और हरदा ज़िले की रहटगांव तहसील के जवारधा में बांध बनाए जाएंगे. 
  • इस परियोजना से होशंगाबाद, खंडवा, और हरदा ज़िलों के 211 गांवों में सिंचाई होगी. 
  • इस परियोजना से 52,205 हेक्टेयर का कमांड क्षेत्र तैयार होगा. 
  • इस परियोजना में भूमिगत जल वितरण प्रणाली से खेतों तक पानी पहुंचेगा. 
  • इस परियोजना से खुली नहर से होने वाली पानी की बर्बादी रुकेगी. 
  • इस परियोजना से हरदा ज़िला पूर्ण सिंचित ज़िलों में शामिल हो जाएगा. 
  • इस परियोजना के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं. 
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