अजय शर्मा

मन्दसौर/दलोदा- वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध को आज के दिन 26 जुलाई को कारगिल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा था भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस कारगिल युद्ध में हमारे कई जवान शहीद हुए थे और कई जवान ऐसे थे जो आज भी उस मंजर को याद करके सिहर उठते हैं।

आज इस कारगिल दिवस के उपलक्ष में हम आपको एक ऐसी शख्सियत से मिलाना चाहते हैं जो आज 2017 को थल सेना से सेवानिवृत्त होकर राजस्व विभाग दलोदा तहसील में पटवारी के रूप में जन सेवा कर रहे हैं। आपका नाम ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने देश सेवा के लिए भारतीय थल सेना में शुरुआत 1996 से की देश के विभिन्न स्थानों जिसमें हैदराबाद, सीयाचीन, देहरादून, दिल्ली, जम्मू ,सुरेंद्रनगर, लेह, पठानकोट, अलवर, बारामुला, इत्यादि स्थानों पर रह कर वर्ष 2017 तक देश सेवा की। जिसके उपरांत सेवानिवृत होकर राजस्व विभाग संवर्ग में वर्ष 2018 में सम्मिलित हुए।
ज्ञानेंद्र सिंह चौहान के द्वारा बताया गया कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देते हुए पूरे युद्ध के दौरान हमारी 170 मीडियम रेजीमेन्ट की टुकड़ी के द्वारा 20000 गोले दागे गए थे। अंततः भारत ने हमारे कई वीर सपूतों को खोते हुए कारगिल युद्ध पर विजय प्राप्त की।जो आज इतिहास में दर्ज हो चुकी है।

न्यूज़ सोर्स : ipm