सीबी सीआईडी अब नही रही विवेचनाओं का डंपिंग यार्ड
लखनऊ । कमोबेश उत्तर प्रदेश में यह आम धारणा थी कि यदि किसी मामले की जांच को लटकाना हो तो उसे अग्रिम विवेचना के लिए सीबीसीआईडी के हवाले कर दिया जाता था। लेकिन अब यह धारणा बदल गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की सीबीसीआईडी की कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाते हुए उसे और अधिकं साधन सम्पन्न बनाया गया है। सीबीसीआईडी की विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता का स्तर बढ़ाकर उसे सीबीआई की भांति ही विकसित किये जाने के प्रयास किये गये है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को यहां सीबीसीआईडी मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होेंने सीबीसीआईडी के सभी नौ सेक्टरों द्वारा किये जा रहे कार्याे में हुई प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होने चार्जशीट वाले प्रकरणों में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के लिये भी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही उन्होंने अभियोजन स्वीकृति के शासन में लम्बित प्रकरणों की जानकारी ली तथा उनके शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि सीबीसीआईडी को सौपे गये विवेचना के मामलो में अब निरीक्षक के साथ साथ विवेचना से जुड़े पुलिस अधीक्षक स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर जाकर विवेचना की गुणवत्ता को सुनिश्चित कराये। उन्होेंने न्यायालय में चल रहे मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर अभियुक्तों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के प्रयास किये जाने के भी निर्देश दिये है।