नई दिल्ली।  बालाघाट जिले में 6 विधानसभा सीट बैहर,लांजी,परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी और कटंगी आती है। इस बार यहां का मुकाबला रोचक हो गया है।  "पब्लिक पोल" के अनुसार इस बार यह भाजपा हारी हुई सीट पर फोकस कर रही है वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी न कर सबको चौका  रखा है। वर्तमान में भाजपा ने बैहर और लांजी में अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं। बैहर में तो कोई विरोध नहीं दिख रहा लेकिन लांजी में स्थिति सामान्य नहीं है। 
हमारी टीम के आंतरिक विश्लेषण अनुसार इस बार यहां भाजपा-कांग्रेस एवं निर्दलीय सभी को जनता बराबर का मौका देते दिख रही है।  वारासिवनी एवं लाजी में जहां निर्दलीय जीत दर्ज कर सकते हैं वहीं बालाघाट ,कटंगी,में भाजपा अपना परचम लहरा सकती है।  बैहर एवं परसवाड़ा इस बार कांग्रेस के झोली में आ सकते हैं ऐसी आशंका जताई जा रही है।  हालंकि कटंगी , बालाघाट , वारासिवनी एवं परसवाड़ा  में भाजपा- कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं लेकिन संभावित नाम लगभग जनता के सामने आ चुके हैं। 

पिछले   विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने महाकौशल के क्षेत्र में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था. इसलिए कुछ सीटों से पार्टी सत्ता से बाहर हो गई थी. बता दें कि बालाघाट जिले में भी 6 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत मिली थी. दूसरी ओर, कांग्रेस ने यहां पहले से बेहतर प्रदर्शन किया था.  इसलिए आगामी चुनाव में बालाघाट जिला भाजपा के लिए चुनौती बन रहा है 

बालाघाट जिले में अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसलिए राजनीति का केंद्र यहां एससी वोटर्स, उनकी समस्या और उनके मुद्दे अहम होते है। 6 में से एक मात्र बैहर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। बाकी 5 विधानसभा क्षेत्र लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट,, वारासिवनी, औऱ कटंगी सामान्य सीट है। 2018 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 6 सीटों में से 2 और कांग्रेस ने 3 और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। 

बैहर विधानसभा सीट आदिवासी बाहुल्य बैहर विधानसभा क्षेत्र में 60 फीसदी बैगा जनजाति के लोग रहते है। बैहर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। पिछले दो चुनाव यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, उससे पहले बीजेपी ने लगातार दो चुनाव जीते थे। 2018 में कांग्रेस के संजय उइके 2013 में कांग्रेस के संजय उइके 2008 में बीजेपी से भगत सिंह नेताम 2003 में बीजेपी से भगत सिंह नेताम 1998 में कांग्रेस से गणपत सिंह उइके 1993 में कांग्रेस से गणपत सिंह उइके 1990 में बीजेपी से सुधंवा सिंह नेताम 1985 में कांग्रेस से गणपत सिंह उइके 1980 में कांग्रेस से गणपत सिंह उइके 1977 में जनता पार्टी से सुधंवा सिंह नेताम 1972 में जनसंघ से सुंधवा सिंह नेताम लांजी विधानसभा सीट लांजी सीट पर चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में होता है, लेकिन पिछले चुनाव में निर्दलीय और बीएसपी प्रत्याशी ने यहां दोनों पार्टी की मुसीबत बढ़ा दी थी। 2018 ,2013 में कांग्रेस वहीं 2008 और 2003 में बीजेपी प्रत्याशी ने चुनाव में जीत हासिल की थी। 2018 में कांग्रेस से हिना कांवरे 2013 में कांग्रेस से हिना कांवरे 2008 में बीजेपी से रमेश भटेरे 2003 में बीजेपी से अजय विश्नोई परसवाड़ा विधानसभा सीट 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यहां बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। सपा प्रत्याशी यहां दूसरे नंबर पर रहे थे। 2018 में बीजेपी से रामकिशोर कांवरे 2013 में कांग्रेस से मधु भगत 2008 में बीजेपी से रामकिशोर कांवरे 2003 में जीजीपी से डार्बो सिंह उइके बालाघाट विधानसभा सीट 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यहां बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। सपा प्रत्याशी यहां दूसरे नंबर पर रहे थे। बालाघाट विधानसभा सीट पर गौरीशंकर बिसेन का दबदबा है। 2018 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 2013 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 2008 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 2003 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 1998 में कांग्रेस से अशोक सिंह 1993 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 1990 में कांग्रेस से राजेंद्र शुक्ला 1985 में बीजेपी से गौरीशंकर बिसेन 1980 में कांग्रेस से सुरेंद्र नाथ खरे 1977 में कांग्रेस से एमपी दुबे वारासिवनी विधानसभा सीट वारासिवनी में कांग्रेस बीजेपी के मुकाबले को बीएसपी रोचक बना देती है। यहां चुनाव किस ओर करव़ट लेगा अंत तक स्पष्ट नहीं हो पाता। बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है। वारासिवनी विधानसभा सीट पर बीएसपी तीसरे चौथे पर रहती है। और बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबला को कड़ा बना देती है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के बागी प्रदीप जयसवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। 2018 में निर्दलीय प्रदीप जयसवाल 2013 में बीजेपी से डॉ योगेंद्र निर्मल 2008 में कांग्रेस से प्रदीप जयसवाल 2003 में कांग्रेस से प्रदीप जयसवाल 1998 में कांग्रेस से प्रदीप जयसवाल 1993 ओंकार सिंह जनता दल 1990 केडी देशमुख 1985 केडी देशमुख जेएनपी 1980 केडी देशमुख जेएनपी 1977 में जेएनपी से केडी देशमुख बाथू कटंगी विधानसभा सीट कटंगी विधानसभा सीट पर कांग्रेस बीजेपी के साथ साथ बीएसपी भी अपनी मजबूत स्थिति कर रही है। 2008 में बीएसपी यहां तीसरे नंबर पर वहीं 2013 के चुनाव में बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। ऐसे में बीएसपी का बढ़ता जनाधार भविष्य में कांग्रेस और बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकता है। 2018 में कांग्रेस से तमलाल सहारे 2013 में बीजेपी से केडी देशमुख 2008 में कांग्रेस से विश्वेश्वर भगत 2003 में जेडीयू से सरोज बच्चन नायक ने सेवा दी है। 

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न्यूज़ सोर्स : ipm