मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजी) रेल मनीष शंकर शर्मा का शनिवार देर रात दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी का पार्थिव शरीर भोपाल लाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। मनीष शंकर शर्मा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के पुत्र थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनके असमय निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मनीष शंकर शर्मा एक ऐसे आईपीएस अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी 28 साल की सेवा में न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के चार महाद्वीपों में अपनी छाप छोड़ी। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी रणनीतिक सोच और योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल सिक्युरिटी, काउंटर टेररिज्म एंड पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त शर्मा को यूनाइटेड नेशंस पीस मेडल, नेशनल लॉ डे अवॉर्ड, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अवॉर्ड और पद्मश्री “आरएन जुत्शी मेडल” जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। वर्ष 2015 में सैन डिएगो की सिटी काउंसिल ने उनके सम्मान में 20 जुलाई को “मनीष शंकर शर्मा डे” घोषित किया और अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने भी उन्हें सम्मानित किया।

4 महाद्वीपों में दी सेवाएं

आईपीएस मनीष शंकर शर्मा के पिता केएस शर्मा मध्यप्रदेश सरकार में मुख्य सचिव रहे हैं. उनके चाचा सीताशरण शर्मा मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं. वहीं मनीष शंकर शर्मा स्वयं रेल स्पेशल डीजी के पद पर पदस्थ थे. मूलतः मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम के रहने वाले मनीष शंकर ने इंदौर के डेली कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ पिलानी से एमबीए किया था. उन्होंने अपनी 31 साल की सरकारी नौकरी में 4 महाद्वीपों में अपनी सेवाएं दी हैं.

कैलिफोर्निया से की थी मास्टर्स डिग्री

आईपीएस मनीष शंकर शर्मा ने कैलिफोनियां यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल सिक्युरिटी, काउंटर टेरेरिज्म एंड पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री ली थी. वे प्रदेश के रायसेन, सतना, छिंदवाड़ा और खंडवा जिले में एसपी रहे. उन्होंने ग्लोबल टेररिज्म चैलेंज एंड पॉलिसी ऑप्शन बुक भी लिखी थी.

न्यूज़ सोर्स : ipm