शहडोल में सजा है अठारह भुजी चामुण्डा माता का अद्भत दरबार
शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर अंतरा में अठारह भुजी चामुण्डा माता का अद्भत दरबार सजा है। ऐसी मान्यता है कि देर रात माता रानी के पट बंद होने के बाद मंदिर के अंदर कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। मंदिर में पट सुबह से ही खुल जाते हैं और माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ जमा होने लगती है। कंकाली माता का मंदिर आसपास के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। यहां रहने और आने वाला हर व्यक्ति नवरात्रि के इस पावन पर्व पर मां कंकाली का दर्शन करने जरूर जाता है। जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर अंतरा गांव में मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली कंकाली माता का मंदिर है। यहां माता का दर्शन करने के लिए हर दिन भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि में तो भक्तों का हुजूम ही उमड़ पड़ता है। कंकाली माता मंदिर तांत्रिक शक्तिपीठ के रूप में 10 वीं सदी से ही प्रसिद्ध था. यह कलचुरी कालीन तंत्र साधना का स्थल रहा है, यहां 10 वीं सदी से 11 वीं सदी के बीच में यहां कलचुरी राजाओं के द्वारा इस प्रतिमा का प्रतिस्थापन शक्ति स्वरूपा मां कंकाली के रूप में किया गया था।