भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास यात्रा निकाली जा रही है। विकास यात्रा में विधायक सुरेंद्र पटवा जी दिल्ली की बात कर रहे हैं, मोदी जी की बात कर रहे हैं, शिवराज जी की योजनाओं की बात कर रहे हैं, सुंदरलाल पटवा जी की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने क्षेत्र के लिए पिछले 14 सालों में विधायक रहते क्या किया,

इसकी वह बात नहीं कर रहे हैं।

विधायक सुरेंद्र पटवा अपनी सभाओं में कहीं भी विधायक निधि से हुए कार्यों की बात नहीं कर रहे। कहीं भी नहीं बता रहे कि किस गांव को कितनी विधायक निधि दी गई। गांव के लोगों को प्रदेश व केंद्र की योजनाएं गिनाकर भ्रमिक किया जा रहा है। जबकि संबंधित गांव की बिजली, पानी, सडक़, स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं की बात नहीं की जा रही है।

यात्री प्रतिक्षायलय में भ्रष्टाचार की आशंका

पूरे भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में गांव-गांव नगर-नगर यात्री प्रतिक्षालय बनाए गए। विधायक सुरेंद्र पटवा ने ऐसी जगह भी यात्री प्रतिक्षालय बनाए, यहां जरूरत हीं नहीं थी। विधायक पटवा विकास यात्रा के द्वारा विधायक निधि के करोड़ों रु खर्च हुए यात्री प्रतिक्षालय के बारे में नहीं बोल रहे हैं। विधायक सुरेंद्र पटवा को बताना चाहिए कि आखिर चार साल में कितने यात्री प्रतिक्षालय क्षेत्र में बने, बनाने का टेंडर किसको दिया गया, कितनी लागत के हैं।

पानी के टेंकर का ठेका किसे दिया

विधायक निधि से टेंकर बनाने का ठेका भी दिया गया। विकास यात्रा में विधायक नहीं बता रहे हैं कि टेंकर बनाने का काम किसे दिया गया था। टेंडर निकाले गए थे कि नहीं। और कितनी लागत के यह टेंकर हैं। मुख्यमंत्री जी को इसकी भी जांच कराना चाहिए।

बीमारी के नाम पर पांच-पांच हजार कितनों के खातों में डाले

विधायक निधि से पांच -पांच हजार रु लोगों के खाते में डालने का काम भी चल रहा है। पिछले चार सालों में कितनों लोगों के खातों में आर्थिक सहायता के नाम पर राशि डाली, इस पर विकास यात्रा के दौरान विधायक क्यों चुप हैं। ऐसा संज्ञान में आया है कि पांच-पांच हजार रु खातों में डालने के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। इस पर भी मुख्यमंत्री जी आपको जांच कराना चाहिए।

नगर व गांव को नहीं दी बड़ी विधायक निधि

ऐसा जानकारी में आया है कि औबेदुल्लागंज की जनता ने कभी नहीं सुना कि विधायक ने कोई सडक़, नाली, पार्क आदि के विकास के लिए विधायक निधि से राशि दी हो। विधायक ने दस लाख रु के ऊपर विधायक निधि शायद ही कभी नगरीय निकायों को दी है। वहीं दर्जनों गांव ऐसे हैं यहां सालों से विधायक निधि ही नहीं दी गई। नगर में खेल मैदान की सबसे बड़ी जरूरत पर विधायक निधि क्यों नहीं दी गई। खिलाड़ी परेशान हैं। आखिर नगर व गांव को विधायक निधि ना देकर करोड़ों रु यात्री प्रतिक्षालय के नाम पर क्यों खर्च किए गए, यह जांच का विषय है।

परेश नागर

दीवटिया

भोजपुर विधानसभा

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