2023 में सिर्फ बिजली, पानी, सड़क ,की सोच से उपर उठकर ग्रामों को समग्र गरीबी उन्नमूलन पर सोचना होगा
मध्यप्रदेश के गाँवों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। एक ओर जहाँ गाँवों में अच्छी अधो-संरचना विकसित हो रही है, वहीं सबको बुनियादी सुविधाओं युक्त आवास, हर घर नल से जल और हर हाथ को काम मिल रहा है। स्वच्छता में प्रदेश के गाँव अब शहरों को पीछे छोड़ रहे हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र जो विकास की तेज रफ्तार में पीछे रह गए थे, को पेसा एक्ट लागू कर मुख्य धारा में लाया गया है। यह सब संभव हो पाया है प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi के विजनरी नेतृत्व और मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan के अनवरत प्रयासों से।
प्रदेश की ग्रामीण आत्म-निर्भरता और सर्वांगीण विकास का सबसे सुखद पहलू यह है कि यहाँ राज्य ग्रामीण आजाविका मिशन से महिलाएँ पारिवारिक और ग्रामीण स्वावलंबन का जरिया बन रही हैं। ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओं के सशक्त स्व-सहायता समूह बनाये जाकर उनका संस्थागत विकास तथा आजीविका के संवहनीय अवसर उपलब्ध कराने के लिये 313 विकासखण्डों में सघन रूप से मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अब तक 53 हजार 50 समूहों से 5 लाख 31 हजार परिवारों को जोड़ा जा चुका है। समूहों से जुड़े परिवारों में से इस वर्ष अब तक लगभग 3 लाख 20 हजार परिवारों को कृषि एवं पशुपालन आजीविका गतिविधियों और 22 हजार समूह की महिलाओं को गैर कृषि आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है। चालू माली साल में स्व-सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से 94 हजार 795 प्रकरणों में 1 हजार 416 करोड़ रूपये का ऋण दिलाया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटर शेड विकास, श्यामा प्रसाद मुकर्जी रूर्बन मिशन, सबकी योजना-सबका विकास जन अभियान, ग्रामीण पर्यटन योजना आदि से प्रदेश के गाँवों में अच्छी अधो-संरचना विकसित हो रही है। इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भाग 1, 2, 3 में वार्षिक भौतिक लक्ष्य 4 हजार किमी के विरूद्ध माह नवम्बर 2022 तक 1 हजार 190 करोड़ रूपये व्यय करते हुए 2 हजार 19 किमी सड़कों एवं 106 पुलों का निर्माण किया गया।