ओबेदुल्लागंज । नगर में सड़कों के दोनों ओर लगे वृक्ष वर्षों से राहगीर को छाया, फल, और स्वच्छ वातावरण में स्वांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते है। इसके लिए हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाते है। प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी प्रतिदिन पौधारोपण कर वृक्षों को लगाने एवं पर्यावरण को संवारने, संरक्षण करने का संदेश निरंतर मंच से एवं स्वयं पौधारोपण कर देते आ रहें है। लेकिन कुछ विज्ञापनकर्ता पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करते सड़कों के दोनो ओर लगे वृक्षों पर पोस्टर, बैनर लगाते अधिकतर देखा ही होगा। आपने सड़क, मोहल्ला, कॉलोनी, एवं दार्शनिक स्थलों पर भी पेड़ो पर लगे विज्ञापनों को हमेशा देखते होंगे।
पेड़ो पर विज्ञापन लगाने के लिए विज्ञापन वाले लोहे की कील, लोहे के तारों से पेड़ों के हृदय में ठोककर पेड़ों को अपना प्रचार प्रसार का माध्यम बनाते है।अब जब प्रकृति हुई नाराज तो मौसम में हुए बदलाब से सभी हो रहे है परेशान आप भी महसूस करते है। की जहां अप्रैल मई में भीषण गर्मी पड़ती थी। वहां आज पानी, ओले, तेज हवाओं, बिजली की चमक ने पर्यावरण के मिजाज़ को नाराज कर दिया है। विज्ञापनकर्ताओ को पर्यावरण को ध्यान में रखकर विज्ञापन लगाने का प्रयास करना चाहिए।वैसे प्रशासन को भी इस और जिम्मेदारी से ध्यान देने की आवश्यकता है कि वृक्षों पर विज्ञापन लगे दिखे तो कार्यवाही की जाए। क्षेत्र में समाजसेवी, पर्यावरण प्रेमी, पौधारोपण करने वाली एनजीओ संस्था को इस तरफ ध्यान देना हम सभी की जिम्मेदारी है। 
कि पेड़ो के हृदय में  लोहे की कील, तारों  से विज्ञापनों को लगाने पर रोक   लगाने आगे आए एवं जनता को इसके प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।

एनजीटी इसको लेकर पूर्व में ही आदेश जारी कर इस पर प्रतिबंध लगा चुका है और अधिकारियों को निर्देशित कर चुका है। बावजूद इसके एनजीटी के आदेश पर धरातल के ओर अमल होता दिखाई नहीं दे रहा है।

न्यूज़ सोर्स : Ajay malviya