वर्तमान में जिले में रबी फसलों की बुआई का कार्य समाप्ति पर है। किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक श्री केके पाण्डेय ने जानकारी दी कि रबी वर्ष 2022-23 हेतु सीहोर जिले के लिए 76500 मे.टन यूरिया, 22000 मे.टन डी.ए.पी., 28000 मे.टन एसएसपी एवं 15000 मे.टन एनपीके की मांग भेजी गयी थी। दिसम्बर माह में किसानों द्वारा गेंहूँ की फसल में प्रथम एवं द्वितीय सिंचाई के लिए यूरिया की मांग को देखते हुए 20000 मे.टन यूरिया की मांग शासन से की गई हैं।

आज दिनांक तक 36612 मे.टन यूरिया, एवं 16885 मे.टन डीएपी एवं 5273 मे.टन एनपीके सहकारी क्षेत्र से एवं 20750 मे.टन यूरिया, 6869 मे.टन डीएपी, 1478 मे. टन एनपीके निजी विक्रेताओं द्वारा किसानों को वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में विपणन संघ के गोदाम में 403 मे.टन एवं निजी विक्रेताओं के विक्रय केन्द्र पर 1270 मे.टन यूरिया शेष है। इसी प्रकार जिले की 108 सहकारी समितियों में 780 मे.टन यूरिया, 963 मे.टन डीएपी शेष है। सीहोर जिले में कुल 2050 मे. टन यूरिया, 2935 मे.टन डीएपी एवं 1614 मे.टन एनपीके सहकारी एवं निजी विक्रेताओं के पास उपलब्ध हैं। इस प्रकार जिले में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता निरंतर बनी हुई हैं। आवश्यकतानुसार सभी सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरक विपणन संघ द्वारा भंडारित कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले में कृषकों को उचित दामों में सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायें जा रहे है, जिसमें सभी निजी एवं सहकारी उर्वरक विक्रय केन्द्रो पर राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी समक्ष में खाद वितरण हेतु लगाई गई है। जो किसान डिफाल्टर है, उन्हें उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जिले में 20 नगद विक्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। साथ ही विपणन संघ के गोदाम कृषि उपज मंडी एवं मध्यप्रदेश राज्य उद्योग विकास निगम के वितरण केन्द्र के समक्ष जिले में निजी विक्रेताओं के 23 काउंटर भी खोले गये है।

न्यूज़ सोर्स : ipm