सफलता की कहानी - अब धान नहीं ब्राण्ड चावल बेंच रही सरोज बाई
विदिशा विकासखंड के ग्राम खामखेड़ा की 30 वर्षीय श्रीमती सरोज बाई केवट ने मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा समूह से जुड़कर बासमती चावल की पैकिंग की गतिविधि प्रारंभ की थी, आज उन्होंने इस गतिविधि के तहत अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है और उनकी पारिवारिक आय में वृद्धि भी हुई है। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव को उनके चेम्बर में पहुंचकर आज शुक्रवार को श्रीमती सरोज ने उनके द्वारा पैकिंग किए गए बासमती चावल का पांच किलो का पैकेट विक्रय किया है। कलेक्टर श्री भार्गव ने चावल के पैकेट को क्रय कर निर्धारित 350 रुपये की राशि सौंपी, साथ ही ग्राम समूह की महिला श्रीमती सरोज ने जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट को भी बासमती चावल के 5 किलो के पैकेट को विक्रय किया है। जिला पंचायत सीईओ डॉ भरसट ने भी चावल के पैकेट को क्रय कर निर्धारित राशि सौंपी है।
मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से गायत्री समूह से जुड़ी श्रीमती सरोज बताती हैं कि उन्होंने समूह में जुड़कर विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान उन्हें आजीविका मिशन के माध्यम से गांव में उत्पादन होने वाली सामग्री एवं गांव की कृषि आधार सामग्री को पैकिंग कर बाजार में विक्रय करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। इसके उपरांत उन्होंने समूह की सीआरएफ की राशि के द्वारा गांव में चावल पैकिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया। उन्होंने पांच किलो के पैकेट की कीमत 350 रुपये निर्धारित की जिसमें उन्हें 100 रुपये का मुनाफा हो रहा है।