भोपाल  । विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस सदस्य हिना कांवरे ने पूरक पोषण आहार आपूर्ति करने वाले स्व सहायता समूहों को भुगतान नहीं होने का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि 15 प्रतिशत तक कमीशन बिना भुगतान ही नहीं होता है। इसमें भी उपस्थिति के आधार पर भुगतान होता है। इस अव्यवस्था के कारण समूह परेशान हैं और विलंब से भुगतान के लिए किसी पर सरकार कोई कार्रवाई भी नहीं कर रही है।

राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने इसके जवाब में कहा कि भुगतान की व्यवस्था में परिवर्तन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। अब पोर्टल के माध्यम से सीधे खाते में भुगतान होता है। किसी ने पैसा मांगा है और इसे प्रमाणित करते हैं तो हम कार्रवाई करेंगे।

मंत्री ने सदन को बताया कि पहले विभाग कोषालय से भुगतान कर देते थे लेकिन अब व्यवस्था बदल गई है। पोर्टल के माध्यम से जुलाई 2022 के अतिरिक्त स्व-सहायता समूह द्वारा समय सीमा में उपलब्ध कराए गए सितंबर 2022 तक के बिलों का भुगतान किया जा चुका है। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सीधी और सिंगरौली में भी टेक होम राशन चार माह से नहीं दिया गया है।

  विधायक निधि, स्वेच्छानुदान के मुद्दे पर एक हुए विधायक

विधायक निधि और स्वेच्छानुदान के मामले में पक्ष और प्रतिपक्ष के विधायक विधानसभा में मंगलवार को एक हो गए। दोनों ने नीना वर्मा की इस बात का समर्थन किया कि विधायक निधि की स्वीकृति दे दी जाती है और वित्तीय वर्र्ष में प्रशासनिक प्रक्रियाओं के कारण उपयोग नहीं हो पाता है तो अगले वित्तीय वर्ष में वह मिलनी चाहिए।

इस पर पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने कहा कि स्वेच्छानुदान में चेक से राशि देने की व्यवस्था फिर से लागू होना चाहिए। पूर्र्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि विधायक निधि के कामों पर 18 प्रतिशत जीएसटी बंद किया जाए। नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने लोक निर्माण विभाग की देरी पर नाराजगी जताई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि जटिल मुद्दे हैं। समिति और निराकरण करें। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी इससे सहमति जताई और कहा कि समग्रता से विचार कर व्यवस्था बनाई जाएगी।

 

छिंदवाड़ा के साथ हो रहा भेदभाव

विधायक निधि, स्वेच्छानुदान और जन भागीदारी के विषय पर चर्चा के दौरान परासिया से विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने कहा कि छिंदवाड़ा के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जन भागीदारी की राशि नहीं दी जा रही है। पहले से स्वीकृत कामों की राशि घटाई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी कहा कि छिंदवाड़ा के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वो गलत है। इस पर भाजपा के सदस्यों ने कहा कि ऋण माफी का लाभ केवल छिंदवाड़ा को दिया गया था। तब भेदभाव किसी को नजर नहीं आया। इस पर कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ खड़े होकर विरोध करने लगे।

 

 

 

न्यूज़ सोर्स : ipm