अब स्थानीय भाषा में योजनाओं की जानकारी ले रहे ग्रामीण
15 नवंबर 2022 से मध्यप्रदेश में ’पेसा अधिनियम’ लागू हो चुका है। मंडला जिले के सभी गांवों में पेसा अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह शुक्रवार को नैनपुर जनपद के अंतर्गत तूमेगांव में आयोजित ग्रामसभा में पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को पेसा एक्ट के तहत किए गए प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। श्रीमती सिंह ने कहा कि पेसा अधिनियम अधिकारों का विकेंद्रीकरण करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अधिनियम के माध्यम से ग्रामसभाओं को विशेष रूप से सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर ने इस दौरान ग्रामसभा को अधिनियम के माध्यम से प्रदान की गई विभिन्न शक्तियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अधिनियम के अंतर्गत ग्रामसभा निर्वाचन, समितियों के गठन, उद्देश्य तथा अधिनियम के माध्यम से जनजातियों को सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रदान किए गए अधिकारों के बारे में बताया।
गोंडी एवं स्थानीय भाषा में दी गई ग्रामीणों को जानकारी
पेसा अधिनियम का जिला प्रशासन द्वारा निचले स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। तूमेगांव में आयोजित ग्रामसभा में गोंडी एवं अन्य भाषा में भी उपस्थितजनों को पेसा अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी गई। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने इस दौरान उपस्थित जनता की पेसा अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न शंकाओं का समाधान भी किया। उन्होंने बताया कि ग्रामसभा स्थानीय हितग्राहियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकेगी। इसी प्रकार स्थानीय स्तर पर संचालित होने वाली आंगनवाड़ी केन्द्र, स्कूल एवं हॉस्टल आदि की मॉनीटरिंग भी कर सकेगी।
विवाद निवारण समिति करेगी पारंपरिक निदान
कलेक्टर ने बताया कि पेसा अधिनियम के अंतर्गत अनेक प्रकार की समितियां गठित की जाएंगी जिसके अंतर्गत विवाद निवारण समिति, राजस्व समिति, वनाधिकार समिति प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि विवाद निवारण समिति द्वारा स्थानीय स्तर पर होने वाले विवादों को सुलझाया जाएगा। थाने में एफआईआर होने के पश्चात पुलिस अधिकारी विवाद के संबंध में जानकारी विवाद निवारण समिति को प्रदान करेगा। समिति विवाद को स्थानीय स्तर पर तथा पारंपरिक तरीके से समाधान देने का प्रयास करेगी। इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष के प्रारंभ में स्थानीय पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेख प्रस्तुत किए जाएंगे। ग्रामसभा अभिलेख में मौजूद त्रुटि आदि का परीक्षण करेगी एवं सुधार सुनिश्चित कराएगी।
तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर सकेंगी ग्रामसभा
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ग्रामसभा में उपस्थित जनता को पेसा अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम के अंतर्गत ग्रामसभा को वन अधिकार से संबंधित अनेक प्रावधान एवं अधिकार दिए गए हैं। इसके अंतर्गत लघु वनोपज समितियों का गठन किया जाएगा। ग्रामसभा लघु वनोपजों के प्रबंधन का कार्य भी कर सकेगी। ग्रामसभाओं द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य होगा। 3-4 ग्रामसभा मिलकर भी संयुक्त रूप से यह कार्य कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम सभाओं द्वारा अब लघु वनोपजों के संग्रहण, कीमत निर्धारण तथा विक्रय का कार्य भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ग्रामसभा का अध्यक्ष बनेगा आम व्यक्ति
कलेक्टर ने बताया कि ग्रामसभा गांव के आमजनों के द्वारा गठित की जाएगी। इस सभा का अध्यक्ष एक आम व्यक्ति बन सकता है। ग्रामसभा में पंचायत के जनप्रतिनिधि अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे। ग्रामसभा का सचिव, पंचायत का सचिव होगा या इसकी अनुपस्थिति में सभा द्वारा सर्वसम्मति से चुना गया कोई शिक्षित एवं जिम्मेदार व्यक्ति होगा। ग्रामसभा का कार्यालय गांव के किसी भी सरकारी कार्यालय में हो सकता है या सभा की अनुमति से अन्यत्र भी हो सकता है।
ग्रामसभा निधि का होगा गठन
कलेक्टर ने ग्रामीणों को जानकारी दी कि पेसा अधिनियम के अंतर्गत ग्रामसभा द्वारा सृजित की जाने वाली निधियों के लिए एक खाता खोला जाएगा। यह खाता संयुक्त रूप से सभा के एक महिला तथा एक पुरूष सदस्य के माध्यम से संचालित होगा। इस निधि में ग्रामसभा द्वारा की जाने वाली आर्थिक गतिविधियों से होने वाले लाभ जमा होंगे। निधि का संचालन एवं निर्णय ग्रामसभा द्वारा होगा।
नशामुक्ति के लिए विशेष प्रावधान
श्रीमती सिंह ने तूमेगांव में आयोजित ग्रामसभा को संबोधित करते हुए बताया कि पेसा अधिनियम के अंतर्गत सामाजिक दायित्वों को भी शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत ग्रामसभा नई शराब दुकान की अनुमति के संबंध में प्रस्ताव पारित कर सकती है। साथ ही स्थानीय स्तर पर किसी महत्वपूर्ण अवसर पर शराब आदि की दुकान बंद करने अर्थात शुष्क दिवस घोषित करने के संबंध में प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज सकती हैे। कलेक्टर ने जनसामान्य से अपील की है कि पेसा अधिनियम के अंतर्गत अपने क्षेत्र में नशामुक्ति के लिए विशेष प्रयास करें। उन्होने इस दौरान स्थानीय संसाधनों के उपयोग एवं अनुमति के संबंध में पेसा अधिनियम में किए गए प्रावधानों के बारे में भी बताया।
पंचायतों में मतदाता सूची का करें प्रकाशन
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने तूमेगांव भ्रमण के दौरान ग्रामीणों से उनकी समस्याओं के संबंध में चर्चा की। उन्होंने गांव में पानी की समस्या, राशन, मनरेगा के कार्य सिंचाई आदि के संबंध में जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा स्थानीय क्षेत्र में पानी की समस्या की जानकारी देने पर उन्होंने जल संसाधन विभाग को अमृत सरोवर योजना के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ग्रामीणों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए वर्तमान में चल रहे अभियान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पंचायतों में मतदाता सूची का प्रकाशन नियमित रूप से हो। ऐसे व्यक्ति जिन्हें अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ना है वह फार्म 6 भरें तथा ऐसे व्यक्ति ने अपना नाम मतदाता सूची से काटना है वे भी स्थानीय बीएलओ से संपर्क कर अपना नाम कटवाएं।