छिंदवाड़ा की सुलोचना काकोड़िया की आटोमेटिक टायलेट क्लीनिंग मशीन कम्बोडिया में करेगी प्रदर्शन
'आवश्यकता आविष्कार की जननी है', हमारी प्रत्येक आवश्यकता चाहे वह बड़ी हो या छोटी, हमें उन्हें पूरा करने के लिये प्रयास करने और कड़ी मेहनत करने के लिये प्रेरित करती है। मनुष्यों द्वारा वस्तुओं का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस करने पर अपनी खोजों और प्रयोगों द्वारा विभिन्न आविष्कार किये गये है। कुछ लोगों में यह प्रेरक शक्ति उच्चतम स्तर पर होती है, जो उन्हें कुछ नया करने के लिये हमेशा प्रेरित करती है। ऐसा ही एक उदाहरण है छिन्दवाड़ा जिले के बिछुआ विकासखंड के ग्राम गुम्मच खमरिया की 18 वर्षीय आदिवासी बालिका कुमारी सुलोचना ककोड़िया का। इस बालिका ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत नवाचार करते हुये न्यूनतम लागत पर फुली आटोमेटिक टायलेट क्लीनिंग मशीन का आविष्कार कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर अपने आविष्कार में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद अब आदिवासी बालिका कुमारी सुलोचना ककोड़िया अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगामी 19 से 21 दिसंबर तक कम्बोडिया देश में आयोजित कार्यक्रम में अपने आविष्कार के प्रदर्शन के लिये सहभागिता करेगी । छात्रा कुमारी सुलोचना ककोड़िया आज आदिवासी कन्या आश्रम सामरबोह के मार्गदर्शक उच्च श्रेणी शिक्षक श्री सुरेश पवार के साथ भोपाल के लिये रवाना हो गई है जहां से वह नई दिल्ली पहुंचकर 17 दिसंबर को वायुयान से कम्बोडिया के लिये प्रस्थान करेगी ।
बालिका कुमारी सुलोचना ककोड़िया के पिता श्री रोमा ककोड़िया का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो जाने से वह बहुत दुखी रहती थीं। उसकी माता श्रीमती रेखा ककोड़िया अभाव व चिंताग्रस्त अवस्था में मजदूरी करते हुये अपनी बेटी को शिक्षित और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के सुंदर सपने को साकार करने के लिये हरसंभव प्रयास कर रही थीं। इस दौरान उसने उसे पढ़ने के लिये आदिवासी कन्या आश्रम सामरबोह में भर्ती कराया। उन्हीं दिनों समग्र स्वच्छता अभियान भी जिले में तेजी से चल रहा था, किंतु इस मिशन में स्वच्छता को बनाये रखना एक बड़ी चुनौती थी। स्थानीय परिवेश तथा शिक्षकों की प्रेरणा से उसे इस अभियान में कुछ नया करने का विचार उसके मन में आया और उसने एक मिशन के तौर पर इस विचार को पूरा करने का संकल्प लिया। अपने इस मिशन को पूरा करने के लिये भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत कुमारी सुलोचना ने अपने आस-पास उपलब्ध वस्तुओं से फुली आटोमेटिक टायलेट क्लीनिंग मशीन का मॉडल तैयार किया जिसमें आश्रम के ही उच्च श्रेणी शिक्षक श्री एस.के.पवार ने मार्गदर्शन दिया। बहुत ही कम लागत में तैयार उसके बहुउद्देशीय सफाई यंत्र के माध्यम से सिर्फ टायलेट सीट ही नहीं, बाथरूम, टाईल्स, फर्श व दीवार आदि की सफाई भी बहुत कम समय में की जा सकती है। उसने अपने इस यंत्र का जब प्रदर्शन किया तो सभी ने उसकी सराहना की। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत इस मॉडल का जिला स्तर पर 3 जनवरी 2019 को प्रदर्शन हुआ और यह मॉडल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिये चयनित हुआ। होशंगाबाद में 16 से 18 जनवरी तक आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में इस मॉडल का राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिये चयन किया गया। आई.आई.टी.कॉलेज नई दिल्ली में 14 व 15 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय प्रदर्शनी में उसके मॉडल को प्रथम स्थान मिला और पुरस्कार स्वरूप एक लेपटॉप एवं 25 हजार रूपये का चेक प्रदान कर उसे सम्मानित किया गया। छिन्दवाड़ा में 27 फरवरी को आयोजित राज्य स्तरीय आदिरंग महोत्सव में जिले के सांसद श्री नकुल नाथ व जनजातीय कार्य विभाग द्वारा तथा छिन्दवाड़ा में 26 जनवरी व भोपाल में 6 मार्च को आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा भी उसे सम्मानित किया गया है। गांधी नगर गुजरात में 15 मार्च 2019 को इंस्पायर अवार्ड में प्रथम आने पर महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया और 18 व 19 मार्च को राष्ट्रपति भवन के भ्रमण और विशेष भोज के लिये आमंत्रित भी किया गया। कुमारी सुलोचना वर्तमान में कक्षा बारहवीं में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बिछुआ में अध्ययनरत है। उसके मॉडल को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिये चयनित किया गया है तथा वह कम्बोडिया देश में अपने मॉडल का 19 से 21 दिसंबर 2022 के दौरान प्रदर्शन करेगी । अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस उपलब्धि पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कमल पटेल, कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त श्री सत्येन्द्र सिंह मरकाम व सहायक संचालक शिक्षा श्री उमेश कुमार सातनकर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री गोपाल सिंह बघेल और संबंधित शाला के प्राचार्य, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने छात्रा कुमारी काकोड़िया की सफलता की कामना करते हुये उसे बधाई और शुभकामनायें दी है । छात्रा कुमारी सुलोचना काकोड़िया की प्रतिभा से छिन्दवाड़ा के साथ ही युवा वर्ग गौरवान्वित है और उसके अभावग्रस्त जीवन में उसकी प्रतिभा का सभी लोहा मान रहे है और वे भी अपने जीवन में कुछ ऐसा नवाचार करने की सोच रहे है, जो वर्तमान तथा भावी पीढ़ी के लिये बेहतर हो।