भोपाल । कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 को लेकर देश-दुनिया में बढ़ती चिंता के बीच प्रदेशवासियों के लिए एक अच्‍छी खबर है। प्रदेश में फिलहाल कोरोना संक्रमण दर शून्‍य है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना के एक भी नए मरीज की पहचान नहीं हुई। इस दौरान जांचेे गए सैंपलों में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने इस बात की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में कोरोना का एक भी नया केस सामने नहीं आया है। संक्रमण दर शून्‍य रही है। ठीक होकर अपने घरों और गंतव्‍य की ओर जाने वालों की संख्‍या भी शून्‍य है। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना जांच के लिए 65 सैंपल लिए गए। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के 05 सक्रिय मरीज हैं। रिकवरी रेट 98.70% है। 

इससे पहले गुरुवार को स्वास्थ्य आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने सभी जिलों के कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना के सभी पाजिटिव प्रकरणों की जीनोम सीक्वेंसिंग तुरंत कराएं। इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल और डीआरडीई ग्वालियर में सैंपल भेजने के लिए कहा गया है। उन्होंने संदिग्ध मरीजों की पहचान, जांच, उपचार, टीकाकरण और कोरोना से निपटने के लिए सावधानी बरतने की रणनीति फिर से शुरु करने को कहा है। इसके अलावा भारत सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोनारोधी टीका लगा होने का प्रमाण पत्र देखने के साथ ही लक्षण मिलने पर तय प्रक्रिया के अनुसार आइसोलेट करने को कहा गया है। 

कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 को लेकर राज्य सरकार भी सतर्क हो गई है। सभी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि वे संक्रमण से बचाव के लिए पूर्व में उठाए गए कदमों के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम करें। जनता को भी सलाह दी जा रही है कि भीड़-भाड़ वाली जगह पर अब मास्क लगाना शुरु करें। बूस्टर डोज लगवाने का काम करें। हम अब प्रति सप्ताह फिर कोरोना की स्थिति की समीक्षा करेंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को विधानसभा में दी। वे अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। सदन में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि नए वैरिएंट को लेकर हम क्या तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब कोरोना महामारी का दूसरा दौर आया था तो हम भी बुरी तरह से हिल गए थे, क्योंकि उस समय जितने लोगों को आक्सीजन की जरुरत थी, उतनी व्यवस्था हमारे पास नहीं थी, क्योंकि कभी वैसी जरुरत ही नहीं पड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आक्सीजन एक्सप्रेस चलाई और ट्रेनों से आक्सीजन के टैंकर लाकर आक्सीजन की आपूर्ति की गई। डाक्टरों, कोरोना योद्धाओं और हम सबने मिलकर उस लड़ाई को लड़ा। दूसरी लहर को काबू में किया। 550 से ज्यादा समीक्षा बैठकें कीं। कई नवाचार किए। हमें जागरुक रहने की आवश्यकता है। इसके लिए कार्यक्रम फिर प्रारंभ होंगे।

 

 

न्यूज़ सोर्स : ipm