योगेन्द्र पटेल

          विकसित भारत के निर्माण के लिए नीति आयोग ने राजनीतिक दलों से आकर शासन के अंग बने राजनेताओं को सरकार के समन्वय में पॉलिसी रिसर्च स्टडीज के मार्गदर्शन में  मौलिक सामाजिक समस्याओं को समझने एवं उस पर अनुसंधान करने के उद्देश्य से विधायकों को दिल्ली में प्रशिक्षित करने की पहल की है।

 विगत दिवस इस कार्यशाला का शुभारंभ केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमित मंत्री जयंत सिंह ने किया। इस दौरान बताया गया कि आखिर विधायक सिर्फ अपने क्षेत्र में मेल-मिलाप के अलावा  देश की  आर्थिक  उन्नति के लिए रोजगार सृजन की ओर कैसे बढ़ सकते है।

विधायकों को रिसर्च की आवश्यकता क्यों

प्रायः देखा जा रहा है कि राजनीतिक दलों के लुभावने पैतरों से अकुशल लोग भी जन प्रतिनिधि बन जा रहे हैं। इस का परिणाम यह होता है कि पांच साल तक ज्यादातर लीडर इस उधेड बुन में रहते है कि उन्हे कमिशन कहा से मिलेगा। सरकार की योजनाओं पर आश्रित विधायकों को यह समझ कम ही आता है कि क्षेत्र में सार्वजनिक नीति को कैसे असरकारक तरीके से सामाजिक कल्याण के लिए हित समूहों पर लागू करें।

विधायकों में नवाचारों का अभाव

दलों के कार्यकर्ता तैयार करने की होड़ के बीच देश में राजनीतिक वैमनस्य का भाव देखा जाता है। इसका प्रभाव यह होता है कि देश की विधायी प्रक्रिया बेहतर-सूचित एवं सहभागी तथा बेहतर पारदर्शी होने के विपरित कार्य करने लगती है। क्षेत्र में हो रहे कार्य में सामुदायिक सहभागिता का अभाव रहता है, दलगत कार्यकर्ता विकासपरख कार्य में सहभागी बनने के बजाय सरकारी योजनाओं के फंड का हिस्सेदार बन जाता है। इसी बात को ध्यान में रख पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च एक गैर सरकारी संस्था को यह कार्य सौंपा गया है। यह संस्था विकसित देशों के सतत विकास एवं टिकाउ माॅडल पर कार्य करने लीडर को प्रशिक्षित करती है।

विकसित देश बनने के लिए क्या होना चाहिए?

  • राजनीतिक दलों को प्रचार का सिर्फ 1 साल का समय मिले
  • जीतने के बाद जनप्रतिनीधि पार्टी लाइन से हटकर कार्य करे
  • राजनेता सिर्फ योजनागत कार्य पर ही न टिका रहे
  • अधोसंरचना विकास के कार्य में समुदाय की सहभागिता को जोड़ा जाए
  • नई तकनीकों को अपनाना होगा
  • उन्नत विज्ञान तथा तकनीकी द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग ...
  • वृहत् स्तर पर औद्योगीकरण ...
  • कृषि का यन्त्रीकरण ...
  • व्यापारिक आधार पर उद्यानों का विकास ...
  • उन्नत स्तर पर पशुपालन तथा दुग्ध-व्यवसाय का विकास ...
  • अत्यधिक विकसित यातायात एवं संचार-व्यवस्था ...
  • अधिक प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय ...
  • नारी की स्थिति
  • For a developed India, legislators should become projective and not event participants
न्यूज़ सोर्स : ipm