सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग समय-समय पर विभिन्‍न संगठनों व समाजों द्वारा की जाती रही है। इस क्रम में अब एक नई मांग जुड़ गई है। यह मांग किसी कर्मचारी या समाजसेवी ने नहीं, बल्कि एक जज ने की है। जज भी ट्रांसजेंडर समुदाय से हैं। देश की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल ने शुक्रवार को अपनी इंदौर यात्रा के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की है। जज ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों और विकास के लिए आरक्षण को जरूरी बताया। मोंडल ने सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को समान अधिकार देने की बात कही है, लेकिन इसके लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। मंडल ने यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर्स को समाज में कानूनी अधिकार दिए गए हैं, लेकिन अभी भी उन्हें वह जगह नहीं मिल पाई है जहां वे कुछ कर सकें।

8 साल में नहीं किया सरकार ने कुछ

मंडल ने कहा कि हमारे मानवाधिकार भी आवश्यक हैं। पिछले आठ वर्षों में ट्रांसजेंडरों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। सरकार को और अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि हमें समानता मिले। यह हमारे प्रति संवेदनशीलता लाएगा। 

ट्रांसजेंडर्स के लिए साक्षरता की पहल हो

मंडल ने कहा कि चाहे चुनाव हो या नौकरी इस समुदाय को हर चीज में आरक्षण मिलना चाहिए। कोई भी अपनी मर्जी से पढ़ाई नहीं छोड़ता है। ट्रांसजेंडरों में साक्षरता की बात करते हुए जज ने कहा कि इसके लिए शिक्षा क्षेत्र में फैकल्टी को प्रशिक्षित करना जरूरी है। अगर ट्रांसजेंडर्स को अच्छा माहौल मिलेगा तो समुदाय आगे बढ़ेगा। मौजूदा हालात में स्कूल की फैकल्टी उन्हें स्कूल आने से मना करती है। इस डर से वे अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं।

न्यूज़ सोर्स : ipm