मुख्य सचिव बैंस के कार्यकाल का आज अंतिम दिन
भोपाल । मध्य प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा, इसे लेकर मंगलवार को भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई । इसे लेकर राज्य सरकार बेहद गोपनीयता बरत रही है और दावा किया जा रहा है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल को एक वर्ष की सेवावृद्धि मिल जाएगी। इधर बैंस के कार्यकाल का अंतिम एक दिन बचा है, बुधवार को वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं गुरूवार को मप्र काडर के वरिष्ठ आइएएस अनुराग जैन भोपाल आ रहे हैं और वे मंत्रालय में उद्योग विभाग की गति शक्ति योजना की समीक्षा करेंगे। जैन के भोपाल दौरे ने मुख्यसचिव के चयन को और भी रोचक बना दिया है। फिलहाल माना जा रहा है कि बैंस के सेवानिवृत्त होने पर शिवराज सरकार उनके उत्तराधिकारी के रूप में अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान या अजय तिर्की में से किसी को चुन सकती है।
अनुराग जैन लेंगे बैठक - प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अनुराग जैन के मुख्यसचिव बनाए जाने की संभावनाएं अभी खारिज नहीं हुई हैं। उद्योग संवर्द्धन आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के सचिव की हैसियत से जैन एक दिसंबर को मंत्रालय में समीक्षा बैठक लेंगे। औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग के अपर सचिव वीके बरौनिया द्वारा जारी आदेश में इससे जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया है। इस आधार पर वरिष्ठ नौकरशाह मान रहे हैं कि जैन भले ही भारत सरकार के सचिव के बतौर आ रहे हैं लेकिन मुख्यसचिव की दौड़ में सबसे आगे रहने के कारण कई नई चर्चाएं प्रारंभ हो गई हैं। जैन पहले भी मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ रह चुके हैं। 1989 बैच के मप्र काडर के अधिकारी अनुराग जैन को बेहद ईमानदार और योग्य अधिकारी माना जाता है। यूपीए सरकार में वे तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ भी बतौर संयुक्त सचिव काम कर चुके है। इसके बाद मोदी सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बैंस की रुचि सेवावृद्धि में नहीं- मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस की कार्यप्रणाली देखकर महसूस होता है कि वे सेवानिवृत्ति का मन बना चुके हैं। आमतौर पर हर फाइलों में चर्चा करने वाले बैंस आखिरी दिनों में बिना किसी पड़ताल के फाइलों को अनुमोदित कर दे रहे हैं। अधिकारियों का इस आधार पर आंकलन है कि राज्य सरकार भले ही बैंस की सेवावृद्धि के लिए रूचि दिखा रही हो लेकिन उनकी दिलचस्पी कार्यकाल बढ़वाने में नहीं है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए एक आदेश भी निकलवा दिया कि जिन अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली मतांकन के लिए लंबित है, वे तत्काल मुख्यसचिव के समक्ष प्रस्तुत करें। इसके बावजूद यदि राज्य सरकार बैंस को सेवावृद्धि दिलाने में सफल हो जाती है तो वे इसे सहर्ष स्वीकार कर लेंगे।