क्यों शादी में होता है गठबंधन, जानिए इसका मतलब और महत्व
हिंदू शादियों में कई रस्में और परंपराएं होती हैं जिनका अपना ही एक अलग महत्व होता है। आपको पता ही होगा शादी में हल्दी से लेकर फेरों तक, मेहंदी से लेकर विदाई तक कई तरह की रस्में होती हैं जिनका ज्योतिष में भी कुछ ख़ास मतलब होता है।
इन्ही में शामिल होती है रस्म गठबंधन। जी दरअसल इस रस्म में फेरों के समय दूल्हे और दुल्हन को किसी दुपट्टे या चुनरी से गांठ लगाई जाती है और आपस में जोड़कर फेरे लिए जाते हैं। जी हाँ और सभी रस्मों की तरह यह भी बहुत मायने रखती है और बिना गांठ जोड़े हुए शादी संपन्न नहीं होती है। दूल्हे और दुल्हन का पवित्र गठबंधन एक गुलाबी या पीले रंग के दुपट्टे से दुल्हन की चुनरी को बांधने के साथ किया जाता है। अब हम आपको बताते हैं इस रस्म का महत्व?
गठबंधन का क्या है मतलब - गठबंधन यानी संधि जो कि दो व्यक्तियों के बीच पवित्र बंधन के लिए जाना जाता है। दूल्हे और दुल्हन का इससे गहरा संबंध है क्योंकि इसी से दोनों का रिश्ता मजबूत माना जाता है। जी दरअसल शादी की रस्म में दुल्हन की चुनरी और दूल्हे का पटका यानि दुपट्टा एक साथ गांठ लगाकर जोड़ा जाता है जो एकता और सद्भाव के बंधन का प्रतीक माना जाता है। जी हाँ और इसी के चलते इस रस्म को गठबंधन कहा जाता है।
गठबंधन का महत्व- गठबंधन जैसा नाम से ही पता चलता है कि ये दो लोगों को जोड़ने का प्रतीक है। इस वजह से विवाह के मंडप में इस रस्म का बहुत अधिक महत्व है। यह दो व्यक्तियों के बीच अटूट वैवाहिक बंधन का प्रतीक होता है। गठबंधन में गांठ बांधना यानि किसी भी चीज को सुरक्षित करना। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि इस रस्म से दूल्हे और दुल्हन का रिश्ता हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाता है। दूल्हा और दुल्हन जब अपने -अपने वस्त्रों से गांठ बांधते हैं तभी वो प्रतीकात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़ जाते हैं।
गठबंधन में किन चीजों को बांधते है- आपको बता दें कि गठबंधन के दौरान दूल्हे के पटके में पांच चीजें जैसे सिक्का, फूल, चावल, हल्दी, दूर्वा बांधी जाती हैं। इनमें से सिक्का इस बात का प्रतीक होता है कि धन पर दोनों का समान अधिकार है और इसे दोनों सहमति से खर्च करेंगे। वहीं फूल इस बात का प्रतीक हैं कि दोनों एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे और हल्दी ये बताती है कि दोनों हमेशा स्वस्थ रहें। दूर्वा का अर्थ है कि दोनों हमेशा दूब की तरह ऊर्जावान बने रहेंगे। इस गठबंधन में चावल हमेशा अन्न धन से संपन्न रहने का प्रतीक माना जाता है।