हजारों महिलाओं को रोजगार देने के साथ आपको बीमारी से भी बचा रही नमक वाली अंटी
जहां एक ओर राज्य में बेरोज़गारी चरम पर है और पर्वतीय क्षेत्रों के युवा बड़े बड़े महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं वहीं राज्य के कुछ मेहनतकश वाशिंदों ने यह बात भी साबित की है कि अपार प्राकृतिक संसाधनों के धनी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है कड़ी मेहनत और लगन की ऐसी ही कहानी है नमकवाली आंटी, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल ज़िले के यमकेश्वर ब्लॉक के ग्वाडा गांव की रहने वाली शशि बहुगुणा रतूडी की। शशि बहुगुणा ने पहाड़ी पिसा नमक (पिस्यूं लूण) का जायका दुनिया भर में फैलाया है. शशि बहुगुणा ने स्वरोज़गार की राह अपनाई है और कई महिलाओं को भी रोज़गार देती हैं. सोशल मीडिया के ज़रिए वह अपना प्रोडक्ट विदेशों में भी बेचती हैं.
इस सफर के बारे में बताया...
सवाल: ‘नमकवाली’ ब्रांड खड़ा करने के पीछे क्या कहानी है? कहां से शुरू हुआ था ये सफर?
जवाब: शुरुआत में हम लोग पहाड़ी गीत और मांगल गीत गाते थे। इन्हीं गीतों के अभ्यास के दौरान अक्सर एक महिला घर से लूण पीसकर लाती थी, जो हम सबको बेहद पसंद आता था। महिलाएं उससे रोज नमक मंगवाया करती थी। बस यहीं से मुझे पिस्यूं लूण को देश-दुनिया तक पहुंचाने का विचार आया। तीन महिलाओं के साथ लूण पीसने का काम शुरू किया और बिक्री के लिए सोशल मीडिया की मदद ली। धीरे-धीरे नमक की मांग बढ़ने लगी और आज वह महीनेभर में एक कुंतल किलो पिस्यूं लूण बेच रही हैं।
सवाल: पहाड़ी नमक के साथ ही क्या और उत्पाद भी आप बनाती हैं?
जवाब : जी हां, पहले हम केवल पहाड़ी नमक ही बनाते थे, लेकिन फिर हमने कई और उत्पाद इसमें शमिल किए। अदरक फ्लेवर, लहसुन फ्लेवर और मिक्स फ्लेवर नमक बनाने के साथ ही मैजिक मसाले, अरसे, रोट, अचार, भी बनाते हैं। इसके अलावा बदरी गाय के दूध से तैयार घी और मैजिक मसालों की भी जबरदस्त मांग है।