क्या मप्र शराब और खनन माफियाें के कब्जे में है ?
मप्र में शराब का वैध सरकारी कारोबार गांवों की आर्थिक हालातों पर बड़ी चोट है। आजादी का आधा तबका फ्री का राशन एवं लायसेंस प्राप्त शराब के नशे में नेताओं की भीड़ का सिर्फ हिस्सा बनने लायक ही बचे हैं। प्रशासन सिर्फ कमिशन वाले कार्य पर ही ध्यान दे रहा है ऐसा नवाचार नहीं दिखता जिससे की जनता के आर्थिक हालातों को सुधारकर खुद राशन खरीदने एवं खुद घर बनाने लायक बनाया जा सके। इस बीच मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सतत विकास एवं आर्थिक ,सामाजिक ,राजनीतिक हालातों को बदलने बड़ी जंग छेड़ रखी है। अब देखना यह है कि जनता इस पर कितना ध्यान देती है।
नशामुक्ति के मुद्दे पर राज्य सरकार पर सवाल खड़ा कर चुकीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अब अवैध उत्खनन पर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को एक के बाद एक चार ट्वीट कर बताया है कि मुरैना जिले के अजनोद गांव में अवैध उत्खनन हो रहा है। जहां से रेत निकाली जा रही है वह क्षेत्र घड़ियालों के लिए आरक्षित किया गया है। इस मुद्दे पर वे शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगी।
उमा ने ट्वीट कर बताया कि वे एक कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली से धौलपुर गई थीं। वहां से मुरैना के अजनोद गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में जा रही थीं। तब गांव के नजदीक उत्खनन होते देखा। पहले लगा यह वैध होगा, पर पूछने पर पता चला कि अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भयानक और शासन के लिए चुनौती है। ऐसा किसी भी शासन के होते हुए नहीं होना चाहिए। ऐसी घटनाओं से कोई भी शासन का अस्तित्व स्वीकार नहीं करेगा। मैं कल (शुक्रवार) मुख्यमंत्री से इस विषय पर बात करूंगी और इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए कहूंगी। यह अराजकता है। इस पर कठोरता से रोक लगाई जानी चाहिए।