विकसित भारत की रटन के बीच किसान भी अब किसानी के उत्पादों पर ही निर्भर रहने की सोच को   धीरे-धीरे त्यागकर ग्रामीण पर्यटन या अन्य किसानी नवाचारी प्रयास करते दिख रहे हैं।  किसान भी अब सोचने लगे हैं उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के बारे में सरकारें गंभीरता से सोचें। सरकारें इस को लेकर मंचों से तो प्रभावी बखान कर रही है,लेकिन इस तरह के प्रोतसाहित करने वाले अवसर पैदा हो रहे हों ऐसा दिख नहीं रहा है।

ग्रामीण अंचलों में इन अवसरों के बावजूद समुदायों में ग्रामीण पर्यटन विकास के बारे में जानकारी का अभाव भी देखा जा रहा है। एक गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट की माने तो इस दिशा में शोध कार्य भी काफी नहीं हैं, ग्रामीण पर्यटन के विभिन्न संरचनात्मक पहलू पर नजर डाले तो मूल्यवान अंतरदृष्टि की सिफारिशे कम हैं एवं क्षेत्रीय स्तर पर इसकी स्वीकारियता भी न के बराबर है।

समुदाय के समग्र विकास में कैसे तैयार हो प्रभावी नीति

ग्रामीण पर्यटन  ग्रामीण समुदाय के विकास के लिए एक प्रभावी विकास नीति या रणनीति के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रेरित तो कर रहा है लेकिन नीति निर्माताओं को जमीन पर इसे लागू करने कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। विश्व पयर्टन संगठन ने जरूर पर्यावरण के संरक्षण के साथ विकास के लिए इस कार्य को विकासशील देशों के लिए विकासात्मक रणनीति का अंग माना है किंतु ग्रामीण समुदाय की अपनी पारंपरिक संस्कृति को बचाते हुए लौकिक संपदाओं को हानी न पहुंचाते हुए इसे समुदाय के बीच लागू कराना चुनौती है।

ग्रामीण समुदाय के विकास में ग्रामीण पर्यटन का योगदान

ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या में कमी और गिरावट को रोकते हुए सक्रिय स्थानीय समुदायों को बनाए रखने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण और प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है जो स्थिरता का समर्थन करती हैं। ग्रामीण पर्यटन ग्रामीण विकास में क्या योगदान दे सकता है, ग्रामीण पर्यटन को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने गरीबी को कम करने स्थानीय समुदायों में जीवन स्तर में सुधार सुधार लाने में बेहतर साबित हो सकता है।

क्या है ग्रामीण पर्यटन

ग्रामीण पर्यटन,   पर्यटन का एक प्रकार है जिसमें नगरों में रहने वाले निवासी, गाँव और ग्रामीण जीवन की चीजों को समझने और उनका आनंद लेने के उद्देश्य से गाँवों में जाकर भ्रमण एवं निवास करते हैं। यह इकोटूरिस्म का हिस्सा भी हो सकता है। पर्यटन मंत्रालय के ग्रामीण पर्यटन और ग्रामीण होमस्टे (CNA- RT & RH) प्रभाग ने ग्रामीण भारत में आने के इच्छुक पर्यटकों हेतु छह विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें कृषि पर्यटन, कला एवं संस्कृति, इकोटूरिज़्म, वन्य जीवन, जनजातीय पर्यटन तथा होमस्टे शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उद्देश्य
  • इस पहल का उद्देश्य बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचे के विकास के बजाय धारणीय विकास पर ज़ोर देना है।
  • इसका उद्देश्य स्थानीय संसाधनों तथा गाँवों में रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देकर  समुदायों को अद्वितीय जैविक अनुभव प्रदान करना है।
  • पर्यटन मंत्रालय बजट तैयार करने की प्रक्रिया में है, जिसमें ज़िला स्तर पर कुछ प्रशिक्षण मॉड्यूल्स 100% केंद्र द्वारा वित्तपोषित किये जाएंगे, जबकि अन्य मामलों में  60% केंद्र और 40% राज्य द्वारा वित्तपोषित होंगे।
  • ग्राम समूह: 
    • लगभग पाँच से सात गाँवों के समूह/क्लस्टर चिह्नित किये जाएंगे।
    • ये क्लस्टर लंबी दूरी के साथ अलग-अलग गाँवों की ग्रामीण पर्यटन परियोजनाओं की तुलना में पर्यटकों को अधिक आकर्षित करेंगे।
    • ये शिल्प बाज़ारों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के विपणन में ग्राम समूह को सहायता प्रदान करेंगे। 

भारत में ग्रामीण पर्यटन के लिये चुनौतियाँ: 

  • बुनियादी ढाँचे की कमी:  
    • ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर अच्छी सड़कों, बिजली और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव होता है, इसे पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में एक बाधा के रूप में देखा जाता है।
    • अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा भी आगंतुकों/पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने की स्थानीय समुदायों की क्षमता को कम कर सकता है।
  • जागरूकता की कमी:  
    • पर्यटकों और स्थानीय समुदायों के बीच ग्रामीण पर्यटन के बारे में जागरूकता की कमी पर्यटन क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न करती है।
    • बड़ी संख्या में लोग पर्यटन स्थलों के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों की क्षमता और पर्यटन से स्थानीय समुदायों को होने वाले लाभों से अनजान हैं।
  • निम्न आय और बेरोज़गारी:
    • ग्रामीण क्षेत्र अधिकांशतः निम्न-आय स्तर और उच्च बेरोज़गारी दर से पीड़ित होते हैं।
    • इससे स्थानीय समुदायों के लिये पर्यटन के बुनियादी ढाँचे में निवेश करना और आगंतुकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करना मुश्किल हो सकता है।
  • पारिस्थितिकी के लिये खतरा:
    • यदि इसे ठीक से प्रबंधित नहीं किया गया, तो ग्रामीण पर्यटन में स्थानीय समुदायों और पर्यावरण को नुकसान होने की संभावना है।
    • भीड़भाड़, प्रदूषण और प्राकृतिक आवासों का विनाश स्थानीय पारिस्थितिकी तथा संस्कृति को नुकसान पहुँचा सकता है, जो लंबे समय तक आगंतुकों को यहाँ आने से रोक सकता है।

 

न्यूज़ सोर्स : Public mail Desk