शिक्षा के बाजारीकरण से भारत में फैली बेरोजगारी ?
RSS Cheif Mohan Bhagwat: आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत रविवार (5 मार्च) को हरियाणा के करनाल में थे। यहां उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। कहा कि देश में अंग्रेजों का राज होने से पहले हमारी शिक्षा व्यवस्था में 70% जनसंख्या शिक्षित थी। भारत में कोई बेरोजगार नहीं था।भागवत ने कहा, 'उसी समय इंग्लैंड में सिर्फ 17% लोग पढ़े-लिखे थे। अंग्रेजों ने हमारी शिक्षित रखने की पद्धति को कबाड़खाने में डाल दिया। हमारी शिक्षा व्यवस्था को अपने यहां लागू किया। वहीं, अपनी शिक्षा व्यवस्था में भारत में लेकर आए।' आरएसएस चीफ ने आगे कहा कि हमारी जो शिक्षा व्यवस्था थी, उसमें शिक्षक सिखाता था। उसमें वर्ण और जातियों का भेद नहीं था। आदमी अपना जीवन खुद जी सके। यहां तक की सभी को शिक्षा मिलती थी। उन्होंने कहा, गांव-गांव जाकर शिक्षक सिखाते थे। अपने पेट भरने के लिए नहीं सिखाते थे।
शिक्षा और स्वास्थ्य बना व्यापार
मोहन भागवत ने कहा कि आजकल हमारे देश में ऐसे हालात हो गए हैं। हर एक शख्स शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कुछ भी करने को तैयार है। ये दोनों चीजें महंगी और दुर्लभ हो गई है। उन्होंने कहा, 'आज ये दोनों चीजें एक बिजनेस की तरफ की जा रही हैं। यह आवश्यक है कि शिक्षा और स्वास्थ्य हर व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। पहले ये चीजें बिजनेस के तौर पर नहीं देखी जाती थीं।'