आरएसएस के पूर्व सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी की तीन पुस्तकों सहित कई संघ नेताओं द्वारा लिखित पुस्तकों को प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाने के लिए चुना गया है. इनमें डॉक्टर अतुल कोठारी, दीनानाथ बत्रा, देवेंद्र राव देशमुख सहित अन्य प्रमुख संघ नेताओं की पुस्तकें शामिल हैं. कुल 88 पुस्तकों को इस सूची में शामिल किया गया है.

 

प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में संघ लेखकों की किताबें पढ़ाए जाने का निर्णय उच्च शिक्षा विभाग ने किया है। इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी कर रही है।

           प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में आरएसएस के लेखकों की किताबें पढ़ाए जाने के शिक्षा विभाग के फैसले पर सियासत गर्म होती जा रही है। जहां भाजपा ने इस निर्णय को उचित ठहराया है। वहीं कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी कर रही है।

          जानकारी के मुताबिक प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में संघ लेखकों की किताबें पढ़ाए जाने का निर्णय उच्च शिक्षा विभाग ने किया है। इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि प्रदेश के सभी कॉलेजों की लाइब्रेरी में 88 किताबें अनिवार्यता के साथ रखें। आदेश में कहा गया है कि किताबों की एक-एक प्रति आवश्यक रूप से रखी जाए।

भाजपा ने किया समर्थन
भारतीय ज्ञान परस्पर प्रकोष्ठ के तहत संघ नेताओं की लिखी किताबें पढ़ाई जाएंगी। आरएसएस नेताओं की किताबें पढ़ाने का भाजपा ने समर्थन किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि इसमें कोई ग़लत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तो काम ही विरोध करना है।

कांग्रेस जाएगी अदालत
स्कूलों में संघ के लेखकों की किताबें पढ़ाने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। पूर्व कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने इस मामले को लेकर कहा कि भाजपा नफरत फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश के ज्ञान प्रकोष्ठ को अज्ञान प्रकोष्ठ बनाने में जुटी दिखाई दे रही है। चौधरी ने कहा कि सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस कोर्ट जाएगी।

न्यूज़ सोर्स : ipm