व्यवसायी नहीं सामुदायिक उद्यमी थे रतन टाटा,देश को देना चाहते थे आर्थिक आजादी
रतन टाटा के नेतृत्व ने भारत की आर्थिक वृद्धि, औद्योगिक विकास और तकनीकी उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके परोपकारी प्रयासों ने सामाजिक कल्याण में सुधार किया है और देश भर में उद्यमी तैयार करने के प्रयास किये गए।
टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार रात इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। 86 साल की उम्र में देश और दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने और खुद क स्वस्थ बताया था। रतन टाटा के निधन पर राजनीतिक जगत से कई लोगों ने दुख जताया। इनमें पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी सहित कई दिग्गज शामिल हैं।
रतन टाटा ने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्य बातें
- रतन टाटा की यात्रा उनके द्वारा निम्नलिखित बातों पर जोर दिए जाने से चिह्नित है:
- परिवर्तन को अपनाना: उन्होंने लगातार नवाचार को बढ़ावा दिया है और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए जोखिम उठाया है।
- ईमानदारी के साथ नेतृत्व करना: उन्होंने नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
- गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना: उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।
- बड़ा सोचना: उन्होंने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं।
- खुद पर विश्वास करना: उन्होंने दूसरों को खुद पर विश्वास करने और अपने सपनों को कभी न छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।
- कुल मिलाकर, रतन टाटा की उल्लेखनीय यात्रा उद्यमियों और व्यावसायिक नेताओं के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है, जो एक सफल और प्रभावशाली उद्यम के निर्माण में नैतिक प्रथाओं, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को उजागर करती है।
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समाज सेवी रहे, जीवन और नेतृत्व शैली एक मिसाल
रतन टाटा केवल एक सफल व्यवसायी ही नहीं हैं, बल्कि वे एक समाजसेवी भी थे। उन्होंने टाटा समूह में सामाजिक उत्तरदायित्व को हमेशा प्रमुखता दी। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने टाटा नैनो जैसी किफायती कार का सपना पूरा कर भारत के मध्यम वर्ग के लोगों को वहन करने योग्य वाहन का तोहफा दिया। रतन टाटा ने हमेशा सादगी और विनम्रता को अपनाया। उनके नेतृत्व की विशेषता है नैतिकता, दीर्घकालिक दृष्टिकोण और कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता। रतन टाटा ने कई बार जोर देकर कहा, ‘आप व्यवसाय केवल लाभ कमाने के लिए नहीं करते, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए भी करते हैं।