अभिव्यक्ति की मौलिक आज़ादी लोकतंत्र का एक अहम पहलू है,जिसे तकनीक ने आजाद किया है ,  इस अधिकार के उपयोग के लिये सोशल मीडिया ने जो अवसर नागरिकों को दिये हैं, एक दशक पूर्व उनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। दरअसल, इस मंच के ज़रिये समाज में बदलाव की बयार लाई जा सकती है। लेकिन, चिंता का विषय है कि मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया अपनी आलोचनाओं के लिये चर्चा में रहता है। दरअसल, सोशल मीडिया की भूमिका सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और सकारात्मक सोच की जगह समाज को बाँटने वाली सोच को बढ़ावा देने वाली हो गई है। 

  • एक अनुमान के मुताबिक, हर 40 मिनट में फेसबुक से संबंधित एक पोस्ट को हटाने की रिपोर्ट की जाती है। दरअसल, अधिकतर व्यक्ति बिना सोचे-समझे ही किसी भी पोस्ट को साझा कर देते हैं। दरअसल, व्हाट्सएप और फेसबुक पर कई सोशल ग्रुप बने होते हैं। अक्सर ये ग्रुप्स किसी विचारधारा से प्रेरित होते हैं या किसी खास मकसद से बनाए जाते हैं। अगर यह कहा जाए कि अधिकतर ग्रुप्स राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित होते हैं तो, गलत नहीं होगा। यहाँ बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से फेक न्यूज़ बनाए और साझा किये जाते हैं। जाहिर है ये न्यूज़ किसी खास भावना या मकसद से तैयार किये जाते होंगे। फिर यह कहना गलत नहीं होगा कि सामाजिक सौहार्द्र के सामने सोशल मीडिया एक चुनौती बन कर खड़ा है।

नेशनल प्रेस डे आज मनाया जा रहा है, जो भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का प्रतीक है, इस दिन प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन 1966 में हुआ था, जो मीडिया की निष्पक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कार्य करता है, यह दिन पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता को मोटिवेट करने और समाज में मीडिया के योगदान को पहचानने का अवसर है, नेशनल प्रेस डे मीडिया के कर्तव्यों, अधिकारों और उसके महत्व को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है 

1 नेशनल प्रेस डे कब मनाया जाता है और क्यों?

नेशनल प्रेस डे 16 नवंबर को मनाया जाता है, यह दिन भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता और उसकी जिम्मेदारी को सम्मानित करने के लिए तय किया गया है, प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है, और यह दिन मीडिया की भूमिका को लेकर जागरूकता फैलाने का मौका प्रदान करता है, इसके जरिए पत्रकारिता के महत्व को भी समझाया जाता है।

2 नेशनल प्रेस डे की शुरुआत कब हुई थी?

नेशनल प्रेस डे की शुरुआत 16 नवंबर 1966 को हुई थी, इस दिन प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन हुआ था, जिसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को तय करना है, यह दिन भारतीय मीडिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, इससे मीडिया की गुणवत्ता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिला।

3 प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का क्या कार्य है?

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का मुख्य कार्य भारतीय मीडिया में नैतिकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है, यह संस्था पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए कार्य करती है, इसके अलावा, यह प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और मीडिया से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने का कार्य भी करती है, प्रेस काउंसिल पत्रकारों को मार्गदर्शन और सहारा भी प्रदान करती है।

4 नेशनल प्रेस डे का महत्व क्या है?

नेशनल प्रेस डे का महत्व इसलिए है क्योंकि यह हमें मीडिया की स्वतंत्रता और उसके कर्तव्यों की याद दिलाता है, यह दिन पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और जिम्मेदारी की आवश्यकता को समझाता है, साथ ही, यह समाज में जागरूकता पैदा करता है कि प्रेस लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ के रूप में काम करता है, इस दिन का उद्देश्य मीडिया के अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन बनाना है।

5 नेशनल प्रेस डे पर किसे सम्मानित किया जाता है?

नेशनल प्रेस डे पर उन पत्रकारों और मीडिया संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, पत्रकारों की मेहनत और समर्पण को पहचानने के लिए उन्हें पुरस्कार और सम्मान दिए जाते हैं, इस दिन का उद्देश्य उत्कृष्ट पत्रकारिता को बढ़ावा देना और मीडिया के नैतिक मानकों को सुधारना है।

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