मॉकड्रिल के दौरान जेपी अस्पताल में खुली तैयारियों की पोल
भोपाल । जहां एक तरफ जेपी अस्पताल में मॉकड्रिल चल रही थी, तो दूसरी तरफ एंबुलेंस से आए मरीज को एमरजेंसी से डॉक्टर तक पहुंचने में 48 मिनट लग गए। मंगलवार को जेपी अस्पताल के अधीक्षक सहित अन्य डॉक्टर सुबह करीब 10 बजे कोविड को लेकर मॉकड्रिल कर, सभी उपकरणों को जांच एवं परख रहे थे। दूसरी तरफ एंबुलेंस से आए मरीज ने जेपी अस्पताल की लापरवाहियों को उजागर किया। यहां बुजुर्ग महिला पेंशेंट को एंबुलेंस से उतारकर डॉक्टर तक पहुंचने में कुल 48 मिनट लगे। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला जिनके दोनों पैर सुन्न हो चुके थे और तेज दर्द भी हो रहा था।
इस दौरान मरीज के परिजन खुद ही पूरे अस्पताल में मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर घूमते रहे। इस इमरजेंसी मामले में कोई भी स्ट्रेचर बॉय मौजूद नहीं था। डॉक्टर को दिखाने के बाद सभी जांचे भी स्ट्रेचर लेकर परिजन खुद करते रहे। इस दौरान मरीज को करीब आधे घंटे से अधिक का समय सिटी स्कैन में भी लगा। टीटी नगर की रहने वाली 60 वर्षीय शकुंतला देवी जो जिनके पैरों में बहुत अधिक दर्द था और दोनों पैर सुन्न हो चुके थे। वह सुबह करीब 10.07 मिनट पर जेपी अस्पताल एंबुलेंस से पहुंची। इस दौरान उनका पर्चा बना और इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने तुरंत उन्हें 52 नंबर कमरे में सर्जन डॉ. एमएस खान को दिखाने के लिए कहा। मरीज के परिजन 10.12 मिनट पर खुद स्ट्रेचर लेकर पहले फ्लोर पर पहुंचे, जहां डॉक्टर खान अपने कमरे में मौजूद नहीं थे। इस दौरान मरीज दर्द से कराह रहा था। फिर करीब 10.56 पर डॉक्टर खान ने आकर मरीज को देखा और सिटी स्कैन के लिए लिखा। मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज को बहुत अधिक तकलीफ है और डॉक्टर नहीं है।
इसलिए कमरे में नहीं थे डॉक्टर
इस बारे में यहां मौजूद परशुराम ने बताया कि हमें यहां पर करीब डेढ़ घंटा हो गया है। सुबह करीब दस बजे डॉक्टर एमएस खान आए तो थे। मगर नीचे उनका कोई परिचित आ गया था जिसके बाद वह सीधे नीचे चले गए हैं। अभी करीब आधा घंटा हो गया है मगर वापस नहीं लौटे, यहां पर कई एमरजेंसी मरीज भी हैं। इसके अलावा मुझे खुद यहां पर डेढ़ घंटे का समय हो गया है। मगर यहां कोई भी नहीं आया। इसके अलावा मौजूद अन्य मरीजों ने बताया कि हम यहां 8 बजे से आए हुए हैं।