विकसित भारत हेतु उद्योग से कहीं अधिक प्रभावकारी उद्यमी,नीति आयोग कर रहा नई नीति की डिजाइनिंग

भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर की संरचना और संभावनाओं को लेकर नीति आयोग (NITI Aayog Report on MSME Sector) ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है “मध्यम उद्यमों के लिए नीति की डिजाइनिंग”. यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत और डॉ. अरविंद विरमानी की उपस्थिति में जारी की गई.
भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 29% का योगदान देने वाले और 60% से अधिक कार्यबल को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र की विशेष चर्चा रिपोर्ट में की गई है. रिपोर्ट में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया है कि MSME सेक्टर के भीतर 97% सूक्ष्म, 2.7% लघु और मात्र 0.3% मध्यम उद्यम हैं, बावजूद इसके मध्यम उद्यम MSME निर्यात में लगभग 40% योगदान करते हैं. नीति आयोग ने इन मध्यम उद्यमों को विकसित भारत @2047 के विजन में रणनीतिक कारक बताया है और इनके लिए एक छह स्तरीय सुधार योजना की घोषणा की है, जिससे वे देश की नवाचार, निर्यात और रोजगार वृद्धि के मजबूत वाहक बन सकें. रिपोर्ट में सुझाए गए
6 मुख्य सुधार क्षेत्र इस प्रकार हैं: 1. अनुकूलित वित्तीय समाधान: MSMEs के लिए टर्नओवर के आधार पर कार्यशील पूंजी (working capital ) उपलब्ध कराई जाएगी. ₹5 करोड़ तक की क्रेडिट सुविधा मिलेगी और फंड भी जल्दी उपलब्ध कराया जाएगा.
2. टेक्नोलॉजी: देशभर में “भारत SME 4.0” केंद्र खोले जाएंगे, ताकि क्षेत्रीय ज़रूरतों के अनुसार इंडस्ट्री 4.0 (नई तकनीकों) को अपनाया जा सके.
3. अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा: एमएसएमई मंत्रालय में एक खास R&D सेल बनाया जाएगा और “आत्मनिर्भर भारत कोष” का इस्तेमाल अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.
4. क्लस्टर आधारित परीक्षण सुविधाएं: हर सेक्टर में प्रोडक्ट की गुणवत्ता और सरकारी मानकों को जांचने के लिए परीक्षण और सर्टिफिकेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
5. कौशल विकास: हर उद्यम की ज़रूरतों के हिसाब से विशेष स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे.मौजूदा ESDP (उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम) में भी मध्यम आकार के उद्यमों के लिए खास मॉड्यूल जोड़े जाएंगे.
6. केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल: एक ऐसा डिजिटल पोर्टल बनाया जाएगा जिसमें योजनाओं की जानकारी खोजने का टूल, AI की मदद से सलाह और अनुपालन (compliance) से जुड़ी गाइडेंस मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यम उद्यमों की अप्रयुक्त क्षमता को पूर्ण रूप से जगाने के लिए सरकार, उद्योग और नीति निर्माताओं के बीच सहयोगात्मक शासन की आवश्यकता है. यदि यह रणनीति सही ढंग से लागू की जाती है, तो मध्यम उद्यम विकसित भारत @2047 के सपने को साकार करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं.