NGO ने सामुदायिक सहभागिता से इस ग्राम को बना दिया स्मार्ट विलेज,अब पर्यटक ले रहे देशी व्यंजन का मजा
भोपाल- मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण पर्यटन को आगे बढ़ाने भारी जतन कर रही है। सरकार एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रयास से राज्य में इस वर्ष 11 करोड़ से अधिक पर्यटक प्रदेश के ग्रामीण पर्यटन एवं धार्मिक,वन एवं ऐतिहासिक धरोवरों को देखने आ चुके हैं।
इस कार्य में अब सामुदायिक सहभागिता भी देखी जा रही है,इसी का परिणाम है कि मप्र एमपी टूरिज्म को एमपी स्काॅच अवार्ड प्रदान किया गया है। इसी क्रम में एक ग्राम है दमोह जिले का ग्राम पंडरिया थोबन , इस ग्राम के युवा बगैर सरकारी सहयोग के सामुदायिक पहल से ग्राम को स्वच्छ सुंदर एवं स्मार्ट बनाने की मुहिम चला रहे हैं।
ग्राम के युवा बताते हैं पड़रिया थोवन गांव मध्यप्रदेश का इकलौता स्मार्ट विलेज है। इस गांव की दीवारें स्वच्छता का संदेश देती हैं, तो वहीं पूरे गांव की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह गांव शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी आगे है। पड़रिया थोवन विलेज में करीब 40 परिवार रहते हैं, जिसमें 315 सदस्य हैं। यहां के रहने वाले लोगों में कोई एमबीए है तो कोई एयर फोर्स, पुलिस, बिजली कंपनी और बैंकिंग जैसे सेक्टर में काम करता है। गांव का कोई भी व्यक्ति नशा नहीं करता, क्योंकि नशा करने वाले पर पूरा गांव नजर रखता है। गांव के प्रत्येक व्यक्ति का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है।
जिले के जबेरा ब्लॉक से दो किमी अंदर स्थित है। यह स्मार्ट गांव पूरे मध्यप्रदेश के लिए मिसाल बन गया है। पूरा गांव ओडीएफ डबल प्लस कैटेगिरी में है और यह 3 साल पहले शुरू हुआ। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर अमेरिका निवासी रजनीश वाजपेई और मुंबई निवासी योगेश साहू ने इसे स्मार्ट गांव फाउंडेशन से जोड़ा। दोनों ने फांउडेशन की मदद से गांव में आठ कैमरे, आठ एड्रेसिंग सिस्टम, स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइटें लगवाई।
यहां तक कि गांव की दीवारों पर पेटिंग और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पढ़ाने के लिए पाठ्य सामग्री तक उपलब्ध कराई। गांव में प्राइमरी स्कूल है, जिसमें स्मार्ट टीवी लगाई गई है। यहां पर गांव के एक-एक मकान और उसके लोगों का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है। यही नहीं गांव का पूरा नक्शा अलग से तैयार करवाया गया है। गांव के तालाब, गोचर भूमि, कृषि योग्य जमीन, नहर, सड़कें एवं घर किसका है यह सभी जानकारी सिर्फ एक लिंक से प्राप्त की जा सकती है। हर परिवार का डेटा फीड किया जा रहा है, जो एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। दुनिया के किसी भी कोने से गांव के किसी भी व्यक्ति से संपर्क किया जा सकता है।
अब यहां के युवा इस ग्राम को ग्रामीण पर्यटन पांइट के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। युवाओं का मानना है कि अगर ग्राम में ही विदेशी एवं देशी पर्यटकों को सही देशी व्यंजन दिया जाए तो यहां पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।