60 साल के बाद सत्ता की कुर्सी से चिपके रहना ,लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण लालसा है…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) नानाजी देशमुख और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख जीवन भर देश के लिए जिए। वहीं संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, “लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।”
11 अक्टूबर के दिन हुआ था नानाजी देशमुख और लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म
‘जेपी’ और लोकनायक के नाम से लोकप्रिय जयप्रकाश नारायण का जन्म 1902 में आज ही के दिन हुआ था। वहीं देशमुख का जन्म आज ही के दिन 1916 में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने आज भारत रत्न नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने भारत के ग्रामीण लोगों के सशक्तिकरण के प्रति देशमुख के समर्पण और सेवा को याद किया और उनकी सराहना की।
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ” देशवासियों की ओर से भारत रत्न नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। देश के ग्रामीणों विशेषकर वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए उनके समर्पण और सेवा भाव को हमेशा याद किया जाएगा।” वहीं, संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,” लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका व्यक्तित्व और आदर्श हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।”
जयप्रकाश नारायण का आधुनिक भारत के इतिहास में है एक अनोखा स्थान
जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सिताब दियारा गाँव में हुआ था। जयप्रकाश नारायण आधुनिक भारत के इतिहास में एक अनोखा स्थान रखते हैं क्योंकि वह अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिनको देश के तीन लोकप्रिय आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनोखा गौरव प्राप्त है। उन्होंने न केवल अपने जीवन जोखिम में डालते हुए भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, बल्कि सत्तर के दशक में भ्रष्टाचार और अधिनायकवाद के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया और इसके पहले 50 और 60 के दशकों में लगभग दस वर्षों तक भूदान आन्दोलन में भाग लेकर हृदय परिवर्तन के द्वारा बड़े पैमाने पर सामाजिक परिवर्तन लाने का कार्य भी किया। भारत सरकार ने जयप्रकाश नारायण को 1999 में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।
नानाजी देशमुख ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया था
नानाजी देशमुख जिन्हें चंडिकादासनृतराव देशमुख के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के एक छोटे से कस्बे में अमृतराव देशमुख और राजाबाई अमृतराव देशमुख के घर हुआ था। नानाजी देशमुख लोकमान्य तिलक और उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित थे। नानाजी देशमुख ने विनोबा भावे द्वारा शुरू किए गए भूदान आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। नानाजी ने एकात्म मानववाद के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया था।
नानाजी देशमुख ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों के 500 से अधिक गांवों में सामाजिक पुनर्गठन कार्यक्रम को अंजाम देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के प्रति उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें वर्ष 1999 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। उन्हें वर्ष 1999 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
नानाजी देशमुख एक भारतीय समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी-मन्त्रिमण्डल में शामिल किया गया परन्तु उन्होंने यह कहकर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मन्त्री-पद ठुकरा दिया।