मध्य प्रदेश में भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद अब 11 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक होने जा रही है। 11 दिसंबर को 11 बजे सभी विधायकों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यालय में उपस्थित रहने को लेकर आमंत्रण दिया है। आमंत्रण पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में यह बैठक होगी। 

बता दें कि इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के. लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी वहां मौजूद रहेंगी। इस बाबत जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक भाजपा विधायक दल की बैठक 11 बजे सुबह से शुरू होगी। इसके बाद दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक दोपहर का भोजना होगा। इसके बाद 3.50 बजे से विधायक दल के सदस्यों संग ग्रुप फोटो ली जाएगी। इसके बाद 3.50 बजे पर विधायक दल की बैठक शुरू की जाएगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान किया जाएगा। 

 पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यदि भाजपा शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी और को लेती है तो वह किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुख्यमंत्री पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं। उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हो सकते हैं। वह नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुने गए हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह लोधी समुदाय से आते हैं और लोधी अन्य ओबीसी का हिस्सा है।

वर्ष 2004 के बाद से यह तीसरी बार है, जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. अगस्त 2004 में, जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था. नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था.

तोमर, विजयवर्गीय, शर्मा और सिंधिया का नाम रेस में
इस बार, भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा. चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. चौहान की तरह ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं.

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