जो भोलेनाथ का नहीं, वो मेरी जात का नहीं
भोपाल । जो लोग जनजाति समाज की संस्कृति और पूजा-पद्धति से अलग हो गए हों, उन्हें नौकरियों व छात्रवृत्तियों में आरक्षण और शासकीय अनुदान का लाभ नहीं देने और ऐसे लोगों की डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनजातीय समुदाय आज भोपाल के भेल दशहरा मैदान में डी-लिस्टिंग गर्जना रैली कर रहा है। इसका आयोजन जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से किया गया। इस रैली में आदिवासी समुदाय ने अपने हक के लिए हुंकार भरी और कहा कि मतातंरण करने वालों को आरक्षण समेत विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
जनजाति सुरक्षा मंच के उपाध्याक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि आदिवासियों के लिए चल रही योजनाओं का लाभ वे लोग भी ले रहे हैं, जो मतांतरण कर चुके हैं। यह गलत है। उन्होंने कहा कि ईसाई आदिवासी नहीं हैं क्योंकि वे उन परंपराओं को नहीं मानते हैं, जिन्हें आदिवासी मानते हैं। आदिवासी समाज प्रकृति पूजक हैं। ईसाई आदिवासी नहीं हो सकता। इसलिए ईसाई आदिवासी नहीं हो सकता है। हम बलि देते हैं, पंचभूतों की पूजा करते हैं ईसाई नहीं। ईसाई आदिवासी नहीं हो सकता है। मतांतरण कर चुके लोग आदिवासियों की सूची में नहीं है। आदिवासियों का लाभ लेना हमारे अधिकारों पर अतिक्रमण है। सरकार से आव्हान -यह भेदभाव बंद करें, वरना जनजातीय समुदाय चैन से नहीं बैठेगा और सरकार को भी नहीं बैठने देंगे।
गर्जना महा रैली में प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह भी पहुंचे। इस महारैली में झाबुआ, आलीराजपुर, शहडोल, सतना, छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगौन सहित प्रदेश के करीब 40 जिलों से जनजाति बंधु आए हुए हैं। इस महारैली में बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में भी पहुंचे। इनमें महिलाओं की तादाद भी काफी है। कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व आदिवासी लोक कलाकारों द्वारा मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए।